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नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ पिछले साल मई में शुरू हुए तनाव के बाद अब डिस्इंगेजमेंट की प्रक्रिया चल रही है और देशों के बीच सीमा पर संबंध सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि इस बीच भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (MM Naravane) ने आशंका जताई है कि सीमा पर भारत के लिए खतरा केवल कम हुआ है, यह अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख के उन क्षेत्रों में अब भी बैठे हैं जो पिछले साल मई में गतिरोध शुरू होने से पहले भारत के नियंत्रण में थे.
सेना प्रमुख एमएम नरवणे (MM Naravane) ने 'इंडिया इनोमिक कॉन्क्लेव' में कहा कि पीछे के क्षेत्रों में सैन्य शक्ति उसी तरह बरकरार है, जिस तरह यह सीमा पर तनाव के चरम पर पहुंचने के समय थी. सत्र में यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी से सहमत हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीनी सैनिक भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र में नहीं आए हैं, नरवणे ने ‘हां’ में जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'हां, बिलकुल.'
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जनरल एमएम नरवणे ने यह भी कहा कि क्षेत्र में गश्त शुरू नहीं हुई है, क्योंकि तनाव अब भी काफी है और टकराव की स्थिति हमेशा रहती है. उन्होंने कहा, 'अभी कुछ क्षेत्र हैं जहां हमें चर्चा करनी है, लेकिन सभी चीजों को मिलाकर मुझे लगता है कि यह विश्वास करने के लिए हमारे पास काफी मजबूत आधार है कि हम अपने सभी उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल होंगे.'
विशिष्ट तौर पर यह पूछे जाने पर कि क्या चीनी अब भी उन क्षेत्रों में बैठे हैं, जो अप्रैल 2020 से पहले भारत के नियंत्रण में थे, सेना प्रमुख ने कहा, 'नहीं, यह एक गलत बयान होगा.' उन्होंने कहा, 'ऐसे क्षेत्र हैं जो किसी के नियंत्रण में नहीं हैं. इसलिए जहां हम नियंत्रण कर रहे हैं, हम उन क्षेत्रों में थे और जहां वे (चीनी) नियंत्रण कर रहे हैं, वे उन क्षेत्रों में थे.'
थलसेना प्रमुख ने कहा, 'वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर समूचा मुद्दा इन 'ग्रे' क्षेत्रों की वजह से है. क्योंकि कोई चिह्नित वास्तविक नियंत्रण रेखा नहीं है और अलग-अलग दावे व अवधारणाएं हैं. आप यह बयान नहीं दे सकते कि मैं कहां हूं, वह कहां है.' उन्होंने कहा कि जब तक सैनिक पीछे के इलाकों से नहीं लौटते तब तक यह कहना संभव नहीं होगा कि चीजें सामान्य हैं.