यूपी बोर्ड (UP Board) के सिलेबस से रबींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की कविता हटा दी है. इस फैसले का राजनीतिक विरोध शुरू हो गया है.
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नई दिल्ली: यूपी बोर्ड (UP Board) के सिलेबस से रबींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की कविता को हटाए जाने के खिलाफ पश्चिम बंगाल में विरोध शुरू हो गया है. बंगाल (West Bengal) में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने (TMC) ने इस कदम को बंगाल का अपमान बताया है.
जानकारी के मुताबिक यूपी बोर्ड (UP Board) ने 12वीं कक्षा में रबीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की लिखी कविता 'The Home Coming' को सिलेबस से हटा दिया है. उसकी जगह यूपी बोर्ड ने बाबा रामदेव और योगी आदित्यनाथ की रचनाओं को Philosophy के सिलेबस में डाल दिया है .
इतना ही नहीं पूर्व राष्ट्रपति राधाकृष्णन की 'The Women’s Education' और सरोजिनी नायडू की रचनाओं के साथ साथ PB Shelly की भी रचनाओं को 10-12वीं के सिलेबस से हटा लिया गया है.
इस खबर के बाद से ही बंगाल में विरोध का बिगुल शुरू हो गया है. इस घटना के विरोध में तृणमूल छात्र परिषद ने ठाकुरबाड़ी में रवि ठाकुर (Rabindranath Tagore) की मूर्ति के सामने विरोध प्रदर्शन किया. संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हाथों में पोस्टर ले रखे थे. जिन पर लिखा था, 'दिल में है रवि , हटाया योगी, वंचित हम वंचित कवि'.
गुरु रबींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की कविता सिलेबस से हटाए जाने को TMC ने मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है. वह राज्य में इसे बंगाल की अस्मिता के अपमान से जोड़कर पेश कर रही है. TMC के साथ ही कांग्रेस और वाम दलों समेत अन्य नेताओं ने भी इस घटना का विरोध किया है.
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