आदिवासी पराक्रम के प्रतीक 'बिरसा मुंडा' की जयंती आज, पीएम मोदी ने किया नमन
Advertisement
trendingNow1786192

आदिवासी पराक्रम के प्रतीक 'बिरसा मुंडा' की जयंती आज, पीएम मोदी ने किया नमन

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'भगवान बिरसा मुंडा जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन. वे गरीबों के सच्चे मसीहा थे, जिन्होंने शोषित और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया. स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान और सामाजिक सद्भावना के लिए किए गए उनके प्रयास देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे.'

बिरसा मुंडा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (Indian freedom struggle) के दौरान भारत माता के कई ऐसे लाल पैदा हुए जिनके नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों से लिखे गए हैं. इन्हीं आजादी के नायकों में एक नाम बिरसा मुंडा (Birsa Monda) का है जिन्होंने बिहार (Bihar) और झारखंड (Jharkhand) के विकास और भारत माता के पांव में पड़ी बेड़ियों को तोड़ने में अहम् भूमिका निभाई.

  1. शक्ति और साहस के परिचायक बिरसा मुंडा
  2. अतुलनीय योगदान के कारण बिहार और झारखंड में भगवान हैं मुंडा  
  3. बिरसा मुंडा ने 9 जून, 1900 को रांची कारागर में अंतिम सांस लिया  

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर किया नमन 
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'भगवान बिरसा मुंडा जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन. वे गरीबों के सच्चे मसीहा थे, जिन्होंने शोषित और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया. स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान और सामाजिक सद्भावना के लिए किए गए उनके प्रयास देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे.'

अतुलनीय योगदान के कारण बिहार और झारखंड में भगवान हैं मुंडा 
बिरसा मुंडा के अतुलनीय योगदान के कारण बिहार और झारखंड में लोग उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं. पारम्परिक भू-व्यवस्था को जमींदारी व्यवस्था में बदलने के कारण बिरसा मुण्डा(Birsa Munda) ने मुंडा विद्रोह किया. बिरसा मुण्डा ने अपनी सुधारवादी आंदोलनों के कारन लोगों के लिए आदर्श प्रस्तुत किया. मुंडा ने नैतिक आत्म-सुधार, आचरण की शुद्धता और एकेश्‍वरवाद का उपदेश दिया. उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को अस्वीकार कर दिया. साथ ही अपने अनुयायियों को सरकार को किसी भी प्रकार का लगान न देने का आदेश दिया था.

VIDEO

सुगना मुंडा और करमी हातू के पुत्र बिरसा मुंडा
बिरसा मुंडा(Birsa Munda) का जन्म 1875 में लिहतु (lihatu) में हुआ था. प्रारंभिक पढ़ाई के बाद वे चाईबासा इंग्लिश मिडिल स्कूल(Chaibasa at Gossner Evangelical Lutheran Mission school) में पढने आए. सुगना मुंडा और करमी हातू के पुत्र बिरसा मुंडा के मन में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बचपन से ही आक्रोश था. उन्होंने कभी ब्रिटिश सत्ता को स्वीकार नहीं किया. 

बिरसा बचपन से अंग्रेजों के खिलाफ थे
अंग्रेजों के बीच पलते हुए भी बिरसा बचपन से अंग्रेजों के खिलाफ थे. पढ़ाई के लिये चाईबासा में बिताए उन चार सालों ने बिरसा के जीवन पर प्रभाव डाला. 1894 में आए अकाल के दौरान बिरसा मुंडा ने अपने मुंडा समुदाय और अन्य लोगों के लिए अंग्रेजों के  उठाए. उन्होंने लगान माफी की मांग के लिए भी आंदोलन किया.

'धरती बाबा' के नाम से पूजे जाते थे मुंडा 
1895 में बिरसा को अंग्रेजी हुकूमत ने गिरफ्तार कर हजारीबाग जेल में बंद कर दिया. लेकिन बिरसा ने बिरसा और उनके शिष्यों ने क्षेत्र की अकाल पीड़ित जनता की सहायता करने की ठान रखी थी. और यही वजह है कि अपने जीवन काल में ही उनके शिष्य उन्हें महापुरुष का दर्जा दे डाले थे . उन्हें लोग 'धरती बाबा' के नाम से पुकारा करते थे और उनकी पूजा करते थे. 

ये भी पढ़ें- आतिशबाजी का बुरा असर, दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर

शक्ति और साहस के परिचायक बिरसा मुंडा 
1897 से 1900 के बीच मुंडा समाज और अंग्रेज सिपाहियों के बीच लगातार युद्ध होते रहे और बिरसा के साथ उसके चाहने वालों ने अंग्रेजों को परेशान कर रखा था. अगस्त 1897 में बिरसा मुंडा और उनके चार सौ सिपाहियों ने तीर कमान के साथ खूंटी थाने पर धावा बोला. 1898 में तांगा नदी के किनारे मुंडाओं की भिड़ंत अंग्रेज सेनाओं से हुई जिसमें पहले तो अंग्रेजी सेना हार गयी लेकिन बाद में इसके बदले उस इलाके के बहुत से आदिवासी नेताओंको गिरफ्तार कर लिया गया.

बिरसा मुंडा ने 9 जून, 1900 को रांची कारागर में अंतिम सांस लिया  
आदिवासियों के नेता और धरती बाबा उर्फ भगवन बिरसा मुंडा ने 9 जून, 1900 को रांची कारागर में दुनिया को अलविदा कह गए. लेकिन आदिवासियों  किये गए अथक प्रयास के कारण आज भी बिहार, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ और पश्चिम बंगाल के आदिवासी इलाकों में बिरसा मुंडा भगवान की तरह पूजे जाते हैं. 

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news