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नई दिल्ली: हर गुजरा वक्त इतिहास नहीं होता. बहुत सी घटनाएं वक्त की धूल के नीचे दब जाती हैं, लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो वैज्ञानिक सामाजिक और मानवीय दृष्टि से काफी अहम होती है, जिसकी चमक गुजरे वक्त के साथ धुंधली नहीं पड़ती उसे इतिहास कहते हैं. आज हम इतिहास के पन्नों से कुछ ऐसे ही किस्से निकालकर लाए हैं.
भारत का मिशन मंगल
वर्ष 2014 में आज ही के दिन भारत का मंगलयान सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित हो गया था. इसके बाद भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया, जिसने पहले ही प्रयास में मंगल अभियान में सफलता प्राप्त कर ली. इसके पहले मंगलयान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से PSLV रॉकेट के जरिए 5 नवंबर 2013 को लॉन्च किया गया था. खास बात ये है कि भारत का ये Mission दुनिया का सबसे कम लागत वाला मंगल मिशन है. मंगल यान पर भारत ने सिर्फ 450 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि नासा के अंतरिक्ष यान MAVEN (मेवेन) को मंगल तक पहुंचाने में करीब 4 हज़ार 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
भारत से पहले सिर्फ अमेरिका, रूस और यूरोपीय यूनियन ही मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक अपना अंतरिक्षयान भेज पाए हैं. मंगलयान-1 की सफलता के बाद अब इसरो वर्ष 2022 में मंगलयान-2 को भेजने की तैयारी कर रहा है. इस बार मंगलयान सिर्फ मंगल ग्रह के चक्कर ही नहीं लगाएगा, बल्कि लैंडर और रोवर मंगल की सतह पर उतर कर वहां की सतह, वातावरण और तापमान का अध्ययन भी कर सकते हैं.
पूना पैक्ट को मिली थी मंजूरी
वर्ष 1932 में आज के दिन पूना Pact को मंज़ूरी दी गई थी. पुणे की यरवडा जेल में हुए इस समझौते में दलितों के लिए विधान सभाओं में 148 सीटें सुरक्षित की गई थीं. पूना PACT की पृष्ठभूमि में Communal Award था, जिसके तहत ब्रिटिश हुकूमत ने दलितों को 2 वोटों का अधिकार दिया था. यानी एक वोट से दलितों को अपना प्रतिनिधि चुनना था और दूसरे वोट से सामान्य वर्ग का प्रतिनिधि. उस समय महात्मा गांधी पुणे की यरवडा जेल में थे. गांधी जी ने कहा कि ऐसे कानून से हिंदू धर्म का विभाजन होगा और वो जेल में ही अनशन पर बैठ गए. बाद में यरवडा जेल में ही महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर और मदन मोहन मालवीय की मौजूदगी में पूना PACT पर सहमति बनी, जिसमें अंबेडकर दलितों के लिए अलग निर्वाचन का अधिकार छोड़ने पर राजी हो गए.
भीकाजी कामा का जन्म
वर्ष 1861 में आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी भीकाजी कामा का जन्म मुंबई में हुआ था. वो भारत का झंडा फहराने वाली पहली भारतीय थीं. जर्मनी के स्टुटगार्ट में 22 अगस्त 1907 को इंटरनेशनल सोशलिस्ट कॉन्फ्रेंस में भारत का जो झंडा फहराया गया था, वो तिरंगे से अलग था. भीकाजी कामा द्वारा फहराए गए झंडे पर 'वंदे मातरम' लिखा हुआ था और उसमें हरी, पीली और लाल पट्टियां थीं. उन्होंने ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका जाकर भारत की आज़ादी के पक्ष में प्रचार किया. उनके द्वारा फ्रांस में प्रकाशित अखबार ‘वंदेमातरम्’ प्रवासी भारतीयों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ. भीकाजी कामा लंडन में स्वतंत्रता सेनानी दादाभाई नौरोजी की निजी सचिव भी रहीं.
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शनि ग्रह पर दिखा था धब्बा
आज के दिन वर्ष 1990 में शनि ग्रह पर बहुत बड़ा सफेद धब्बा देखा गया था. जिसे Great White Spot का नाम दिया गया. इस धब्बे को शनि ग्रह पर भयानक तूफान की निशानी माना जाता है. आधुनिक Telescopes की मदद से ये सफेद धब्बे देखे जा सकते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि शनि ग्रह के तूफान का आकार आधी पृथ्वी के बराबर है. और ये पृथ्वी पर आने वाले तूफानों की तुलना में 10 हज़ार गुना ज्यादा शक्तिशाली है. खास बात ये है कि शनि ग्रह के तूफान में सिर्फ 1 सेकेंड में करीब 10 बार बिजलियां चमकती हैं.
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