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नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर लाल क़िले पर हुई हिंसा मामले में आरोपी पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू (Deep Sidhu) के बारे में कोई भी सूचना देने वाले को लिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एक लाख रुपये इनाम देने का ऐलान किया है. हालांकि पुलिस के ऐलान के बाद भी दीप सिद्धू सोशल मीडिया पर एक्टिव है और लगातार वीडियोज शेयर कर रहा है. एक वीडियो में उसने खुद को बेकसूर बताया है. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने बुधवार (3 फरवरी) को ऐलान किया कि जो भी व्यक्ति दीप सिद्धू की गिरफ्तारी करने में उनकी मदद करेगा उसे 1 लाख का नगद पुरस्कार मिलेगा.
वीडियो में दीप सिद्धू कह रहा है, 'मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं चल पा रहा है क्योंकि मेरे पास फिलहाल इंटरनेट नहीं है. लेकिन मुझे आप लोगों से ये कहना है कि एकता बनाए रखो. हम जो संघर्ष कर रहे हैं उसकी रूप- रेखा नहीं बिगड़नी चाहिए. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि झूठ की बुनियाद पर हम अपनी जमीन बचाएं, सच को स्वीकार करना शुरू करें. मुझे पता चला है कि उन्होंने हमारे युवाओं को गिरफ्तार कर लिया है. हमें उन लोगों को तत्काल छुड़ाना है. हमें एकजुट होकर ये लड़ाई लड़नी है. '
दीप ने कहा, 'आप लोगों ने उन लोगों पर गद्दार का टैग लगा दिया जो पिछले 6 महीने से तुम्हारे साथ संघर्ष में लड़ रहे हैं. कोई एक स्टेटमेंट भी निकाल कर दिखा दो जिसमें किसी ने एक दूसरे के खिलाफ भड़काया हो. जब टाइम आएगा तब यह सब सारी स्टेटमेंट आपके साथ साझा करूंगा. किन लोगों ने भड़काया और किन लोगों ने इन्हें समझाने की कोशिश की यह बात भी सामने आ जाएगी. दीप ने सोशल मीडिया पर कई वीडियोज जारी किए हैं.
बता दें कि ट्रैक्टर परेड हिंसा में दीप सिद्धू का नाम सामने आने के बाद से उसकी गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर तमाम तरह के सवाल उठाए. बता दें कि दीप सिद्धू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सनी देओल के लिए गुरदासपुर में जमकर प्रचार किया था. इसके अलावा सिद्धू की अमित शाह और पीएम मोदी के साथ भी तमाम तस्वीरें भी वायरल हुई हैं.
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पुलिस ने दीप सिद्धू के अलावा गुरजोत सिंह और गुरजंत सिंह की गिरफ्तारी में मदद करने को लेकर भी एक लाख रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है. अधिकारियों के अनुसार, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह और दो अन्य पर भी 50,000 रुपये नकद इनाम की घोषणा की गई है. गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के समर्थन में 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी और इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़पें हुई थीं. इस दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल क़िला तक पहुंच गए थे और उन्होंने वहां प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था.