Trending Photos
Tripura CM submitted resignation: त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब ने अपना पद छोड़ दिया है. उन्होंने शनिवार को राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा है. आपको बता दें कि वह 7 जनवरी 2016 से त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्य अध्यक्ष रहे हैं. उन्होंने साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत का नेतृत्व किया था. इस चुनाव में उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में 25 साल से शासन कर रही वाम मोर्चा सरकार को हराया था. बता दें कि अब सीएम की रेस में त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री (Tripura Deputy CM) जिष्णु देव वर्मा (Jishnu Dev Varma) और त्रिपुरा की पहली केंद्रीय मिनिस्टर के तौर पर मशहूर प्रतिमा भौमिक का नाम सामने आ रहा है.
Tripura Chief Minister Biplab Kumar Deb resigns.
(File pic) pic.twitter.com/1WqdEiQqYC
— ANI (@ANI) May 14, 2022
बिप्लब कुमार देव के इस्तीफे के बाद नए सीएम के चुनाव की कवायद तेज हो गई है. इस मामले में आज यानी शनिवार को ही भाजपा विधायक दल की बैठक हो सकती है. विधायक दल की बैठक में त्रिपुरा का नया सीएम चुना जाएगा.
इस इस्तीफे के बाद बिप्लब कुमार देब ने कहा, 'राज्य में भाजपा का आधार मजबूत करने के लिए मुझे विभिन्न क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है. आने वाले विधानसभा चुनावों में फिर से बीजेपी सरकार बनाने के लिए सीएम की स्थिति में रहने के बजाय मुझे एक सामान्य कार्यकर्ता (पार्टी कार्यकर्ता) के रूप में काम करना चाहिए.'
त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी और जुड़े प्रमुख संगठनों में फेरबदल की अटकलें पहले से ही सामने आ रही थीं. प्रदेश भाजपा ने इसकी जानकारी दी. वरिष्ठ आदिवासी नेता बिकास देबबर्मा को पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चे का अध्यक्ष बनाया गया है. उन्होंने सांसद रेबती त्रिपुरा का स्थान लिया है. इसके साथ ही पार्टी ने रामपदा जमातिया को मोर्चा का पर्यवेक्षक बनाया है.
पार्टी ने बताया कि प्रदेश इकाई ने 12 जिला पर्यवेक्षक और सह-पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए हैं. पार्टी ने जनजाति मोर्चा, महिला मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, युवा मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा जैसे अन्य संगठनों के लिये आठ पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं. प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष माणिक साहा ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा से कहा, 'पार्टी नेताओं के बीच काम बांटने की यह नियमित कवायद है. जाहिर है, यह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है.'
अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर त्रिपुरा ने कहा कि उपाध्यक्ष बनने के बाद उन्हें पार्टी के संगठन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. साहा ने कहा, 'किसी खास नेता को हटाने का सवाल ही नहीं है. संगठन की बेहतरी के लिए जिम्मेदारियां बदलती रहती हैं.'
LIVE TV