प्रशांत किशोर को लेकर पंजाब कांग्रेस में दो फाड़, सिद्धू ने सीएम चन्नी के संकेतों को किया दरकिनार
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प्रशांत किशोर को लेकर पंजाब कांग्रेस में दो फाड़, सिद्धू ने सीएम चन्नी के संकेतों को किया दरकिनार

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के संकेतों को ठुकरा दिया, जिसमें कि उन्होंने कहा था कि वे पंजाब के 2017 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने में रणनीतिक रूप से मददगार प्रशांत किशोर की सेवाएं ले सकते हैं.

प्रशांत किशोर को लेकर पंजाब कांग्रेस में दो फाड़, सिद्धू ने सीएम चन्नी के संकेतों को किया दरकिनार

नई दिल्‍ली: पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu) ने शुक्रवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Poll strategist Prashant Kishor) के पार्टी में संभावित शामिल होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी. इसे 2022 के विधान सभा चुनावों से पहले जरूरी कदम माना जा रहा है. सिद्धू ने कहा कि प्रशांत किशोर की सेवाएं लेने के बारे में फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा. 

  1. प्रशांत किशोर के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस में दो फाड़
  2. नवजोत सिंह सिद्धू बोले कि फैसला हाईकमान लेगा
  3. 2 दिन पहले सीएम चन्नी ने दिए थे प्रशांत को शामिल करने के संकेत 
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सीएम चन्नी और सिद्धू के बीच मतभेद जारी

बता दें कि सिद्धू का यह बयान सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी (Charanjit Channi) की ओर से प्रशांत किशोर की सेवाएं लेने के संकेत दिए जाने के 2 दिन बाद आया है. बीते बुधवार को चन्‍नी ने संकेत दिया था कि वे पंजाब के 2017 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने में रणनीतिक रूप से मददगार प्रशांत की सेवाएं ले सकते हैं. लेकिन अब सिद्धू ने एक प्रेस कान्‍फ्रेंस में कहा, 'पार्टी इस बारे में निर्णय करेगी...यदि मुख्‍यमंत्री उन्‍हें 'हायर' करना चाहते हैं तो हाईकमान इस बारे में फैसला करेगा.' 

उल्लेखनीय है कि पंजाब में 2022 की शुरुआत में ही विधान सभा चुनाव होने हैं लेकिन पार्टी अंदरूनी मतभेदों में ही घ‍िरी हुई है. प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में सिद्धू ने पार्टी के राज्‍य अध्‍यक्ष पद से अपना इस्‍तीफा वापस ले लिया लेकिन पार्टी को एक और अल्‍टीमेटम दे दिया.  

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पहले भी पंजाब कांग्रेस को मैनेज करते थे प्रशांत किशोर

गौरतलब है कि इसी साल मार्च में पंजाब के तत्कालीन सीएम अमरिंदर सिंह ने घोषणा की थी कि प्रशांत किशोर उनके प्रमुख सलाहकार के तौर पर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. तब यह कहा गया था कि उनकी नियुक्ति की अवधि अमरिंदर सिंह के कार्यकाल के साथ समाप्त होगी और उन्हें 1 रुपये का मानदेय दिया जाएगा. चुनाव रणनीतिकार को एक निजी सचिव, एक निजी सहायक, एक डाटा एंट्री ऑपरेटर, एक क्लर्क, दो चपरासी, एक पूरी तरह से सुसज्जित सरकारी आवास और एक कैबिनेट मंत्री के लिए स्वीकार्य एक शिविर कार्यालय भी प्रदान किया गया था. इसके अलावा वह वाहन भत्ता, ट्रेन/हवाई में एक्जीक्यूटिव क्लास यात्रा और 5,000 रुपये प्रति माह के आतिथ्य व्यय (Hospitality Expenditure) के हकदार थे.

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प्रशांत किशोर पंजाब असाइनमेंट से कैसे हटे?

एक कैबिनेट मंत्री के समान, वह न केवल चिकित्सा सुविधाओं के बल्कि चिकित्सा खर्चों की प्रतिपूर्ति के भी हकदार थे. हालांकि, उन्होंने 5 अगस्त को ही इस पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वे सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से 'अस्थायी विराम' लेना चाहते हैं. यह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद राजनीतिक रणनीति की जगह छोड़ने के उनके फैसले के मद्देनजर आया था.

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