महाराष्ट्र में सरकार vs राज्यपाल: गवर्नर Bhagat Singh Koshyari को सरकारी प्लेन से उतार दिया
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महाराष्ट्र में सरकार vs राज्यपाल: गवर्नर Bhagat Singh Koshyari को सरकारी प्लेन से उतार दिया

महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच तल्खी और बढ़ती जा रही है. सरकारी जहाज के प्रयोग की इजाजत न मिलने के कारण राज्यपाल को फ्लाइट से उतरना पड़ा और अब स्पाइसजेट की निजी फ्लाइट में टिकट बुक करानी पड़ी है. 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) और महा विकास अघाडी सरकार के रिश्ते और बिगड़ गए हैं. बात यहां तक पहुंच गई है कि महाराष्ट्र सरकार ने गवर्नर को सरकारी जहाज इस्तेमाल करने की इजात नहीं दी. इसके बाद राज्यपाल कोश्यारी को सरकारी जहाज से नीचे उतरना पड़ा. सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल के सचिव ने विमान की मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के दोनों सचिव को फोन किया, इतना ही नहीं राज्यपाल के सचिव ने शिवसेना के सचिव मिलिंद नार्वेकर को भी फोन किया लेकिन सभी की तरफ से कहा गया कि इस मामले में सीधे मुख्यमंत्री से बात करनी होगी.

स्पाइसजेट में करानी पड़ी बुकिंग

दरअसल गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) को मसूरी में आईएएस अकैडमी में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जाना था. प्रोटोकॉल के तहत इसके लिए उन्हें सरकारी जहाज से जाना था. लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से इजाजत न मिलने के कारण राज्यपाल कोश्यारी फ्लाइट में बैठने के बाद भी नीचे उतरना पड़ा. इसके बाद उन्होंने स्पाइसजेट की 12:30 बजे की फ्लाइट में सीट बुक कराई. 

सरकार ने साधी चुप्पी

दूसरी तरफ राज्यपाल को जहाज न देने की इस घटना पर राज्य सरकार की तरफ से कोई भी बोलने को तैयार नही हैं. राज्य के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने ऐसी किसी भी घटना के बारे में जानकारी होने से सीधे-सीधे इनकार किया है. अजीत पवार का कहना है कि ऐसी किसी भी घटना के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.  

बीजेपी का निशाना 

पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई, ये एक निदंनीय घटना है. फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल कोई व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था है और उसका आदर होना चाहिए. फडणवीस ने कहा कि व्यक्ति आता जाता है लेकिन संस्था का सम्मान होना चाहिए.

पालघर मामले के बाद से जारी है तनाव

बता दें, महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच पालघर साधुओं की हत्या के बाद से ही तनाव जारी है. राज्यपाल कोश्यारी की सक्रियता से शिवसेना (Shiv Sena) ने उस समय भी नाराजगी जाहिर की थी. बाद में यह तल्खी तब और बढ़ गई जब राज्यपाल और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बीच कोरोना के चलते बंद मंदिरों को खोलने पर टकराव हुआ. कोश्यारी ने उद्धव को हिंदुत्व भुलाने का आरोप लगाते हुए पत्र लिखा था. इस पत्र को लेकर शिवसेना ने नाराजगी जाहिर की थी. 

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नाराजगी का ताजा मामला?

महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और महा विकास अघाडी सरकार के रिश्ते और बिगड़ने का ताजा मामला विधान परिषद के लिए 12 नामों को मंजूरी न दिए जाने से जुड़ा है. महाराष्ट्र सरकार उसके द्वारा राज्यपाल को भेजे गए 12 नामों को मंजूरी न दिए जाने के बाद नाराज है. हाल ही में खबर आई थी कि अघाडी सरकार कोश्यारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है.

 

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