सेंसर बोर्ड के आदेश की प्रति मांगने हाईकोर्ट पहुंचे ‘उड़ता पंजाब’ के निर्माता
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सेंसर बोर्ड के आदेश की प्रति मांगने हाईकोर्ट पहुंचे ‘उड़ता पंजाब’ के निर्माता

मादक पदार्थ पर केंद्रित बॉलीवुड फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ पर उठे विवाद के बीच उसके निर्माता सेंसर बोर्ड की समीक्षा समिति के आदेश की प्रति की मांग करते हुए बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय पहुंचे। समीक्षा समिति ने फिल्म से कई दृश्य हटाने और उसके शीर्षक से पंजाब शब्द हटाने का कथित रूप से सुझाव दिया है।

सेंसर बोर्ड के आदेश की प्रति मांगने हाईकोर्ट पहुंचे ‘उड़ता पंजाब’ के निर्माता

मुम्बई : मादक पदार्थ पर केंद्रित बॉलीवुड फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ पर उठे विवाद के बीच उसके निर्माता सेंसर बोर्ड की समीक्षा समिति के आदेश की प्रति की मांग करते हुए बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय पहुंचे। समीक्षा समिति ने फिल्म से कई दृश्य हटाने और उसके शीर्षक से पंजाब शब्द हटाने का कथित रूप से सुझाव दिया है।

याचिका में कहा गया है कि निर्माताओं को सरकार या सेंसर बोर्ड ने आदेश की प्रति नहीं दी है और जब तक उनके हाथ में प्रति आ नहीं जाती तब तक वे उन संशोधन के लिए इस मामले में कैसे आगे बढ़ सकते हैं। यह फिल्म 17 जून को रिलीज होने वाली है।

अनुराग कश्यप की निर्माण एवं वितरण कंपनी फैंटम फिल्म्स की इस याचिका में उच्च न्यायालय से सरकार या सेंसर बोर्ड को फिल्म में ‘आपत्तिजनक दृश्यों और संवादों’ पर समीक्षा समिति के फैसले संबंधी आदेश की प्रति देने का निर्देश देने की मांग की गयी है।

यह याचिका न्यायमूर्ति एस.सी. धर्माधिकारी की अगुवाई वाली पीठ के सामने सुनवाई के लिए आज पेश होने वाली है। याचिकाकर्ता ने विधि कंपनी फिल्म नाइक नाइक एंड को के मार्फत से दायर की है। 

बताया जाता है कि तीन मई को सेंसर बोर्ड की समीक्षा समिति ने यह फिल्म बनाने वालों से पूरी फिल्म से पंजाब शब्द हटाने तथा 89 अन्य कांटछांट करने को कहा था। वैसे कश्यप ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर बोर्ड से आधिकारिक पत्र का इंतजार है। शाहिद कपूर, आलिया भट, करीना कपूर खान, दिलजीत दोसांझ अभिनीत इस फिल्म में यह दर्शाया गया है कि कैसे पंजाब में युवक मादक पदार्थ के सामने घुटने टेक देता है। इस फिल्म से विवाद खड़ा हो गया है। कश्यप ने पार्टियों से सेंसरशिप विवाद से दूर रहने का आह्वान किया है।

पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। कश्यप ने कल सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी को ‘कुलीन’ और ‘तानाशाह’ करार देते हुए उन पर प्रहार किया था और कहा था कि यह ऐसा है जैसे हम उत्तर कोरिश में रह रहे हों। उन्हें करण जौहर, महेश भट्ट, रामगोपाल वर्मा और मुकेश भट्ट समेत कई फिल्मकारों का समर्थन मिला है।

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पंजाब के सत्तारूढ़ शिअद भाजपा गठबंधन पर इस फिल्म पर सेंसर करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था जिससे राज्य सरकार ने इनकार किया।

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