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नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन कॉप-26 (United Nations Climate Change Conference 2021-COP26) के अध्यक्ष और ब्रिटेन के कैबिनेट मंत्री आलोक शर्मा (Alok Sharma) दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंच गए हैं. शर्मा क्लाइमेट चेंज पर द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों और उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे. COP26 का अध्यक्ष बनने के बाद शर्मा की यह पहली आधिकारिक यात्रा है. अपनी इस यात्रा में वह नवंबर में होने वाले COP26 सम्मेलन की तैयारियों पर भी चर्चा करेंगे.
आलोक शर्मा (Alok Sharma) की यात्रा में ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) और क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन (Clean Energy Transition) में भारत की प्रगति पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है. हाल के वर्षों में, भारत ने आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (CDRI) और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की स्थापना में अहम भूमिका निभाई है. ब्रिटिश उच्चायोग ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत की क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन में विशेषज्ञता COP26 की तैयारी में महत्वपूर्ण साबित होगी.
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बिजनेस लीडर्स के साथ बैठक में शर्मा ‘लो कार्बन इकॉनमी’ में अवसरों और नेट-जीरो एमिशन प्राप्त करने के लिए मौजूदा प्रतिबद्धताओं को रेखांकित करेंगे. साथ ही कॉर्पोरेट क्लाइमेट एक्शन के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करेंगे. इसके अलावा, वह जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और उनके समाधानों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों और युवाओं से भी मुलाकात करेंगे. ब्रिटिश उच्चायोग के बयान में आगे कहा गया है कि एक साल तक वर्चुअल बैठकों के बाद शर्मा पहली व्यक्तिगत बैठक के लिए भारत गए हैं. उनकी इस यात्रा से COP26 की तैयारियों को गति मिलेगी.
आलोक शर्मा ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भारतीय प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जब बात जलवायु कार्रवाई की आती है, तो भारत एक प्रमुख भागीदार और वैश्विक लीडर है. हम साथ मिलकर उत्सर्जन को कम करने और वैश्विक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि यूके और भारत पहले से ही जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक संयुक्त बल के रूप में काम कर रहे हैं. दोनों देश COP2626 और उससे आगे तक इस साझेदारी को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं.
ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा कि शर्मा की यात्रा COP26 को सफल बनाने के प्रयासों का हिस्सा है और यह स्वच्छ और लचीले विकास पर द्विपक्षीय जलवायु साझेदारी को मजबूत करेगी. उन्होंने कहा कि भारत सरकार, सिविल सोसाइटी और उद्योगपतियों के विचारों को जानने के बाद हम ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ अपनी रणनीति को कारगर तरह से विकसित कर सकते हैं. बता दें कि दिसंबर के बाद से भारत आने वाले शर्मा ब्रिटेन के तीसरे मंत्री हैं. उनसे पहले विदेश सचिव डॉमिनिक रैब और व्यापार सचिव लिज़ ट्रस भारत आए थे. COP26 के मेजबान के रूप में यूके ने 2050 तक उत्सर्जन को शून्य पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.