राज्य सभा में हंगामे पर सरकार का पलटवार, अनुराग ठाकुर बोले- देश से मांफी मांगे विपक्ष
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राज्य सभा में हंगामे पर सरकार का पलटवार, अनुराग ठाकुर बोले- देश से मांफी मांगे विपक्ष

बुधवार को संसद में हुए जबरदस्त हंगामे के बाद सरकार ने विपक्ष को घेर लिया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान जिस तरह से सड़क से लेकर संसद तक अराजकता दिखी है, विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए.

फोटो साभार- ANI

नई दिल्ली: राज्य सभा (Rajya Sabha) में बुधवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष आमने सामने आ गए हैं. कांग्रेस (Congress) के आरोपों के बाद अब आठ केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर पलटवार किया है.

  1. कांग्रेस का हंगामा पहले से तय था- प्रह्लाद जोशी
  2. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- देश से माफी मांगे कांग्रेस
  3. पीयूष गोयल ने कहा, 'विपक्ष माफी मांगने की जगह कह रही है कि 100 बार ऐसा करेंगे'

'कांग्रेस का एजेंडा सिर्फ अराजकता'

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि देश की जनता इंतजार करती है कि उनसे जुड़े हुए विषयों को सदन में उठाया जाए, वहीं विपक्ष का सड़क से संसद तक एकमात्र एजेंडा सिर्फ अराजकता रहा. घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए इनको (विपक्ष) देश से माफी मांगनी चाहिए.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार की तरफ से प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, अनुराग ठाकुर, भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन और अर्जुन राम मेघवाल मौजूद थे.  

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सुनियोजित था विपक्ष का हंगामा: प्रह्लाद जोशी

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस और उसकी मित्र पार्टियों ने पहले से ये तय कर लिया था कि हम इस बार संसद नहीं चलने देंगे. उन्होंने मंत्रियों का परिचय नहीं होने दिया, उन्होंने महत्वपूर्ण बिलों पर भी चर्चा नहीं होने दी. उन्होंने कहा कि साढ़े सात साल बाद भी वो (विपक्ष) जनादेश स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं. खासकर कांग्रेस को ऐसा लगता है कि ये हमारी सीट थी और इसे मोदी जी ने आकर छीन लिया. उनकी ​इसी मानसिकता की वजह से ऐसी चीजें हो रही हैं.

'संसद में शर्मनाक घटनाएं देखने को मिलीं'

राज्य सभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि इस सत्र में हमने लगातार बहुत की दुखद और शर्मनाक घटनाएं देखीं. पूरे विपक्ष की मंशा शुरू से सदन की गरिमा गिराने और सत्र को नहीं चलने देने की रही. ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक में भी शायद एक राजनीतिक मजबूरी में उन्होंने सदन को चलने दिया.

संसद में आखिर क्या हुआ? 

बता दें कि 19 जुलाई से शुरू हुआ मॉनसून सत्र (Monsoon Session) बुधवार (11 अगस्त) को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इसी के साथ मॉनसून सत्र निर्धारित समय से दो दिन पहले ही खत्म हो गया. राज्य सभा में बुधवार को संविधान (127वां) संशोधन विधेयक, 2021 के पास होने के बाद हंगामा होने लगा. इसके बाद सदन में हाथापाई की घटना होने की भी खबर आई. जबकि कांग्रेस ने महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया.

यहां से शुरू हुआ हंगामा

दरअसल, OBC बिल पास होने के बाद Insurance Bill पर चर्चा शुरू हुई, जिसके बाद विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया. विपक्ष ने कहा कि आपने सिर्फ OBC बिल के लिए कहा था इस दौरान चेयर की तरफ कागज फेंके गए. जिसके बाद मार्शल को बुलाया गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि कई सांसदों को चोटें आईं. सरकार की तरफ से पीयूष गोयल ने कहा कि असंसदीय व्यवहार रहा है, सेक्रेटरी जनरल और स्टाफ के साथ धक्का-मुक्की की गई. चांज के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

युद्ध जैसा माहौल: खड़गे

हंगामे के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, आज सदन में सरकार का बर्ताव ठीक नहीं था. सदन में हमारे खिलाफ मार्शल का इस्तेमाल किया गया. महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार किया गया. ऐसा लग रहा था जैसे युद्ध होने वाला है इसलिए हमने सदन की कार्यवाही में शामिल ना रहने का निर्णय लिया और वॉकआउट किया. 

शरद पवार का बड़ा आरोप

एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा, मैंने 55 साल की संसदीय राजनीति में आज तक ऐसा कभी नहीं देखा. 40 से 50 मार्शल बुलाकर सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. जबकि संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, विपक्ष के नेताओं ने मार्शल के साथ दुर्व्यवहार किया.

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