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UP BJP Chief Met PM Modi: उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह (Chaudhary Bhupendra Singh) ने बुधवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यूपी बीजेपी अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करने के बाद चौधरी भूपेन्द्र सिंह की पीएम मोदी के साथ यह पहली मुलाकात थी.
इतनी देर तक चली मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष की यह मुलाकात लगभग 40 मिनट तक चली. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भी चर्चा हुई और यूपी के सियासी समीकरण पर भी बात हुई. यूपी के तमाम सियासी मुद्दों पर भी बातचीत हुई. सूत्रों ने यह भी बताया कि पश्चिमी यूपी से आने वाले चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने पश्चिमी यूपी की लोकसभा सीटों को लेकर भी चर्चा की. वहीं केन्द्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर भी चर्चा हुई, जिसे संगठन के माध्यम से गांव-गांव तक पहुंचाने पर भी चर्चा हुई.
हालांकि यूपी बीजेपी ने एक प्रेस रिलीज में यह बताया कि यूपी बीजेपी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी. लेकिन जब दो सियासी नेता मुलाकात करते हैं तो सियासी चर्चाएं जरूर होती हैं. दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पश्चिमी यूपी में कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. इसीलिए बीजेपी अब 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिमी यूपी पर फोकस बढ़ा रही है.
भूपेन्द्र सिंह के सहार जाट वोटर्स पर नजर
चौधरी भूपेन्द्र सिंह जाट समाज से आते हैं और किसानों के बड़े नेता के तौर पर भी जाने जाते हैं. पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद जिले से आने वाले चौधरी भूपेन्द्र सिंह की संगठन पर बहुत अच्छी पकड़ मानी जाती है. योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री का पद संभालने से पहले चौधरी भूपेन्द्र सिंह पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. यूपी की सियासत के जानकार यह भी मानते हैं कि बीजेपी ने चौधरी भूपेन्द्र सिंह को अध्यक्ष इसलिए भी बनाया है ताकि पश्चिमी यूपी में किसानों और जाटों का समर्थन बीजेपी को मिलता रहे, क्योंकि सपा और आरएलडी का गठबंधन लोकसभा चुनाव में भी जारी रह सकता है. आरएलडी भी जाट वोट बैंक की राजनीति करती है. वहीं चौधरी भूपेन्द्र सिंह के माध्यम से बीजेपी राकेश टिकैत की भी काट ढूंढ चुकी है.
भूपेन्द्र सिंह के सामने बड़ी चुनौती
यूपी बीजेपी अध्यक्ष के नाते चौधरी भूपेन्द्र सिंह के सामने चुनौतियां भी होंगी. सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में बीजेपी की दोबारा जीत दर्ज कराना और खासतौर पर उन सीटों पर जहां बीजेपी की हार हुई थी. हालांकि चौधरी भूपेन्द्र सिंह को सियासी समीकरण में चाणक्य माना जाता है, अब देखना यह होगा कि पश्चिमी यूपी के लिए बीजेपी कौन सी नई रणनीति अपनाती है?
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