Trending Photos
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी को साथ आने का न्योता दिया. हालांकि चौधरी ने लगे हाथ इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और साथ ही केंद्र व राज्य की सत्ताधरी पार्टी को विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर से अधिक समय तक चले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों की याद दिलाई.
दरअसल, तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थितियों को भाजपा के और अनुकूल बनाने के प्रयासों के तहत वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को इलाके के जाट नेताओं से संवाद किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में रालोद के समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि जयंत चौधरी ‘गलत घर’ में चले गए हैं. यह बैठक दिल्ली से भाजपा के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के आवास पर हुई और इसे ‘सामाजिक भाईचारा बैठक’ का नाम दिया गया था.
वर्मा ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को भाजपा गठबंधन में आने का प्रस्ताव दे दिया और कहा कि भाजपा के दरवाजे उनके लिए खुले हैं. उन्होंने कहा, ‘यह बात तय है कि चुनाव बाद भाजपा की सरकार बनेगी. जयंत चौधरी ने एक अलग रास्ता चुना है. जाट समाज के लोग उनसे बात करेंगे, उन्हें समझाएंगे. चुनाव के बाद संभावनाएं हमेशा खुली रहती हैं. हमारा दरवाजा आपके लिए खुला है.’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘राजनीति में संभावनाएं हमेशा खुली रहती हैं. किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. चुनाव के बाद देखेंगे कि क्या संभावना बनती है. हम तो चाहते थे कि हमारे घर में आएं पर उन्होंने कोई दूसरा घर चुना है.’ बैठक में जाट समुदाय के करीब 250 से अधिक प्रबुद्ध वर्ग के लोग और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभुत्व रखने वाले नेताओं के अलावा भाजपा के उत्तर प्रदेश के प्रभारी व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सांसद सत्यपाल सिंह भी शामिल हुए.
भाजपा के इस खुले प्रस्ताव पर जयंत चौधरी ने तत्काल प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्वीट कहा, ‘न्योता मुझे नहीं, उन 700+ किसान परिवारों को दो जिनके घर आपने उजाड़ दिए!’ ज्ञात हो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय की भूमिका हमेशा अहम होती है और वह परिणामों को प्रभावित करने की ताकत रखता है. इस क्षेत्र में रालोद का खासा प्रभाव है. जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं जबकि उनके पिता दिवंगत अजीत सिंह भी केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है. पहले चरण में 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा. इसमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर जिले प्रमुख हैं. दूसरे चरण में 14 फरवरी को नौ जिलों की 55 विधान सभा सीटों पर मतदान होगा. इसमें सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत प्रमुख जिले हैं. पहले दोनों चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मतदान होगा.
LIVE TV