बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि ये मसला है 70 सालों से बना हुआ है. ये फैसला देश के लिए अहम है. कोर्ट में जो भी सबूत पेश किए गए हैं उसके आधार पर फैसला आएगा.
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अयोध्या: अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई अंतिम दौर में है. अयोध्या मामले में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) का कहना है कि दोनों पक्षों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Cour) का फैसला मानना चाहिए. उन्होंने कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की पैरवी पर संतोष जाहिर किया और कहा अमन चैन कायम करने की जिम्मेदारी सरकार की है.
बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि ये मसला है 70 सालों से बना हुआ है. ये फैसला देश के लिए अहम है. कोर्ट में जो भी सबूत पेश किए गए हैं उसके आधार पर फैसला आएगा. उन्होंने कहा कि हम पक्षकार हैं. हमने कोर्ट सबूत पेश किया है. उन्होंने कहा कि पक्ष हो या विपक्ष कोर्ट से उम्मीद सबको रहती है. संविधान इसलिए बनाया गया है और फैसला सबूतों के आधार पर होता है.
इकबाल अंसारी ने कहा कि सवाल अयोध्या का है. धार्मिक स्थल है. पूरी अयोध्या में राम-सीता के मंदिक हैं. उन्होंने फिर कहा कि चहमने किसी मंदिर को नहीं तोड़ा है. इतिहास में भी नहीं है कि किसी धार्मिक सेथल को तोड़ा गया हो. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं देश में भाई चारा बना रहे. कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उसको हम मानने के लिए तैयार है.
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वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या केस वापस लेने का फैसला लिया है. बोर्ड के चेयरमैन ने मुकदमा वापस लेने का हलफनामा मध्यस्थता पैनल के सदस्य श्रीराम पंचू को भेजा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने स्पष्ट किया कि आज शाम 5 बजे तक हर हाल में बहस पूरी होगी. चीफ जस्टिस ने तय पक्षकारों के अतिरिक्त किसी अन्य को हस्तक्षेप की अनुमति देने से इनकार कर दिया.