बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होंगे पूर्वांचल और बुंदेलखंड, CM योगी ने बनाया यह मेगा प्लान
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बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होंगे पूर्वांचल और बुंदेलखंड, CM योगी ने बनाया यह मेगा प्लान

सीएम योगी एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि उत्तर प्रदेश अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बड़े पैमाने पर असीमित सौर ऊर्जा उत्पादन की दिशा में बढ़ रहा है. साल 2022 तक यूपी में 10700 मेगावाट क्षमता के सौर विद्युत परियोजनाओं को स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस पर तेजी से काम किया जा रहा है.

CM योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर: सीएम योगी एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि उत्तर प्रदेश अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बड़े पैमाने पर असीमित सौर ऊर्जा उत्पादन की दिशा में बढ़ रहा है. साल 2022 तक यूपी में 10700 मेगावाट क्षमता के सौर विद्युत परियोजनाओं को स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस पर तेजी से काम किया जा रहा है. शुक्रवार को सीएम योगी ने यह बातें रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्ट मीट एंड एक्सपो, इन्वेस्ट-2020 में मुख्यमंत्रियों के संबोधन सत्र में कहीं.

2017 में सौर ऊर्जा नीति की गई लागू
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए यूपी में 2017 में सौर ऊर्जा नीति लागू की गई. इसके तहत सोलर पार्क की स्थापना व सौर ऊर्जा को थर्ड पार्टी बिक्री के लिए ओपन एक्सेस दिया गया है. सौर ऊर्जा नीति को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था के साथ ही सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 100 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी में छूट व इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 10 वर्ष तक 100 प्रतिशत छूट की व्यवस्था की गई है. 

जिसमें  6400 मेगावाट यूटीलिटी स्केल सौर विद्युत परियोजनाओं एवं 4300 मेगावाट रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है. नीति के जरिए  निवेशकों को कई तरीके से बढ़ावा दिया जा रहा है. सौर ऊर्जा नीति के अन्तर्गत आमंत्रित बिडिंग के माध्यम से 1122 मेगावाट क्षमता की सौर पावर परियोजनाओ का आंवटन किया जा चुका हैं. जिसमें से 500 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं की कमिशनिंग मार्च 2021 तक पूरी होने का लक्ष्य है.

बुंदेलखंड और पूर्वांचल में स्थापित होंगी परियोजनाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के जिन क्षेत्रों में अभी बहुत कम निवेश हुआ है, इसको ध्यान में रखकर बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल क्षेत्रों में जो परियोजनायें स्थापित होंगी, उन पर ग्रिड कनेक्टिविटी के लिए गंभीरता से कार्य किया जा रहा है. बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 4000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए ग्रीन इनर्जी कॉरिडोर का निर्माण कराया जायेगा. 

अगले 4 सालों में 1000 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य
 2021 से वर्ष 2025 तक 4 वर्षों में हर साल 1000 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित करने की योजना है. उन्होंने कहा कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की अल्ट्रा मेगा रिन्युएबुल सोलर पावर पार्क योजनान्तर्गत 1200 मेगावाट क्षमता की जनपद जालौन में सोलर पावर पार्क की स्थापना की सैद्वान्तिक सहमति एम. एन.आर.ई. से प्राप्त हो गयी है. इसी योजना के तहत 600-600 मेगावाट क्षमता की सोलर पावर पार्क  झांसी और ललितपुर जिलों में स्थापना सैद्वान्तिक सहमति प्रदान की गयी है. इन सोलर पार्क कीस्थापना यूपीनेडा एवं टी.एच.टी.सी. लिमिटेड के संयुक्त उपकम TUSCO Limited द्वारा की जायेगी.

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