सुप्रिया शर्मा के खिलाफ यह एफआईआर वाराणसी के रामनगर पुलिस स्टेशन में 13 जून को दर्ज की गई है. एफआईआर के मुताबिक, पुलिस ने सुप्रिया के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 501, 269 के तहत भी मुकदमा दर्ज किया है.
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वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके द्वारा गोद लिए गए गांव के बारे में एक भ्रामक रिपोर्ट प्रकाशित करने वाली वेबसाइट scroll.in की संपादक सुप्रिया शर्मा के खिलाफ माला देवी नाम की महिला ने एफआईआर दर्ज कराई है.
सुप्रिया के खिलाफ अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (SC/ST act) के तहत FIR दर्ज की गई है. एफआईआर दर्ज कराने वाली माला देवी ने आरोप लगाया है कि scroll.in की संपादक सुप्रिया शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया है और भ्रामक दावे किए हैं.
यूपी सरकार एफआईआर करके सच्चाई पर पर्दा नहीं डाल सकती।
जमीन पर इस आपदा के दौरान घोर अव्यवस्थाएं हैं।
सच्चाई दिखाने से इनमें सुधार संभव है लेकिन यूपी सरकार पत्रकारों पर, पूर्व अधिकारियों पर, विपक्ष पर सच्चाई सामने लाने के लिए FIR करवा दे रही है।
शर्मनाकhttps://t.co/nvmKkB907U
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 19, 2020
सुप्रिया शर्मा के खिलाफ यह एफआईआर वाराणसी के रामनगर पुलिस स्टेशन में 13 जून को दर्ज की गई है. एफआईआर के मुताबिक, पुलिस ने सुप्रिया के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 501, 269 के तहत भी मुकदमा दर्ज किया है.
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स्क्रॉल की संपादक सुप्रिया शर्मा ने कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के प्रभावों पर आधारित अपनी एक रिपोर्ट में पीएम मोदी द्वारा आदर्श सांसद ग्राम योजना के तहत गोद लिए गए गांव के बारे में लिखा था.
सुप्रिया ने अपनी इस रिपोर्ट में माला देवी को कोट करते हुए लिखा था कि उन्हें भोजन की किल्लत हो रही है और उनके पास राशन कार्ड भी नहीं है. अब माला देवी ने राशन कार्ड न होने और लॉकडाउन के दौरान भोजन की किल्लत होने की बात से इनकार किया है. माला देवी ने अपने से जुड़ा भ्रामक तथ्य पेश करने के लिए सुप्रिया शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
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