Prayagraj News: अगले साल होने वाले प्रयागराज महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं के लिए बहुत अच्छी खबर सामने आई है. मेला प्राधिकरण के अनुसार मेले में आने वाले भक्त और श्रद्धालु अब रास्ता नहीं बाल पाएंगे. पढ़िए पूरी खबर ...
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Prayagraj Mahakumbh 2025/मोहम्मद गुफरान: संगम की रेती पर लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक महाकुंभ मेले की तैयारियां तेज होने लगीं हैं. इस बार महाकुंभ को कई मायनों में खास बनाने की भी योजना बनाई जा रही है. महाकुंभ में श्रद्धालुओं को इस बार भटकने से बचाने के लिए एआई चैट बोर्ड के जरिए गूगल मैपिंग कराई जाएगी. ताकि श्रद्धालुओं को एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर में जाने के लिए आसानी हो और मेला क्षेत्र के मार्ग, घाटों को ढूंढने में आसानी हो सके.
गूगल इंडिया के साथ हो गई है मीटिंग
मेला प्राधिकरण से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक गूगल के अधिकारियों के साथ मेला प्राधिकरण की बैठक हो चुकी है. मेले के बसावट के साथ ही मैपिंग का काम भी गूगल की टीम करना शुरु कर देगी. जिसमें सभी 25 सेक्टर की लोकेशन के साथ ही वहां के प्रमुख संत महात्मा के शिविर का नाम समेत अन्य ज़रूरी जानकारी अपलोड की जाएगी. ताकि श्रद्धालु गूगल के जरिए आसानी से सर्च करके पहुंच सकें.
4 हजार वर्ग मीटर में बसाया जाएगा मेला
महाकुंभ 2025 के लिए तैनात एडीएम दयानंद प्रसाद ने बताया कि इस बार मेला क्षेत्र को 4 हजार वर्ग मीटर में बसाया जा रहा है. 30 पांटून पुल गंगा और यमुना की जल धारा पर बनाए जा रहें हैं. जो श्रद्धालुओं और अखाड़ों की कनेक्टिविटी को आसान बनाएंगे. मेला क्षेत्र में प्रमुख स्नान पर्व के लिए 12 किलोमीटर के लंबे स्नान घाट बनाए जाएंगे.
घाटों पर मिलेंगी सभी सहूलियत
घाटों पर स्नान के दौरान सभी सहूलियत मिलेगी. महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम, गहरे जल में डीप वाटर बैरिकेटिंग के साथ ही जल पुलिस की तैनाती रहेगी. वहीं 7 पक्के स्नान घाट भी महाकुंभ क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं. दारागंज नागवासुकी मंदिर से फाफामऊ तक बन रहा रिवर फ्रंट भी इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहने वाला है. एडीएम दयानंद ने बताया कि श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए मेला क्षेत्र के साथ ही शहर में प्रवेश करने पर थीम बेस्ड स्वागत द्वार भी बनाए जाएंगे. जिसमें धर्म और आस्था का भाव दिखाई देगा. इसके साथ ही मेला क्षेत्र में क़रीब 12 भाषाओं में शाइन बोर्ड लगाए जाएंगे. इसमें हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, कन्नड़, गुजराती, मराठी, बंगाली समेत अन्य भाषाएं शामिल होंगी. एडीएम दयानंद प्रसाद के मुताबिक सभी विभागों के कार्यों की डेड लाइन भी तय है. अक्टूबर के आख़िर में मेला से जुड़े कार्यों को पूरा किया जाना है.
मेले का किया गया है विस्तार
दरअसल इस बार के महाकुंभ को योगी सरकार ने दिव्य और भव्य बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. इसी लिए मेला क्षेत्र का भी इस बार विस्तार किया गया है. पांटून पुल की संख्या बढ़ाई गई है. दूसरी ज़रूरी सुविधाओं को लेकर भी तैयारियां जोरों पर हैं. महाकुंभ के दौरान करीब 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. इस लिए सरकार के साथ आधिकारी भी संगम की रेती की दिव्यता और भव्यता बढ़ाने के लिए ज़रूरी प्रयास कर रहें हैं. सुरक्षा के लिहाज से जहां 10 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. तो वहीं सभी 25 सेक्टर में एक एसडीएम की तैनाती रहेगी. जो सेक्टर की ज़रूरी सुविधाओं को उपलब्ध कराने का काम करेगा.
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