lok sabha chunav 2024: बुंलेदखंड के इस डाकू की सियासत पर थी हुकूमत, लेकिन 2024 के चुनाव से क्यों बनाई दूरी!
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lok sabha chunav 2024: बुंलेदखंड के इस डाकू की सियासत पर थी हुकूमत, लेकिन 2024 के चुनाव से क्यों बनाई दूरी!

lok sabha chunav 2024: बुंलेदखंड के खूखार डकैत ददुआ को कौन नहीं जनता, चित्रकूट के बीहड़ो में आज भी ददुआ के नाक की कहनियां चर्चित है. आने वाले कुछ दिनों में कभी लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. अब ऐसे में ददुआ का बात न हो तो कैसे चलेगा.

Bundelkhand dadua

lok sabha chunav 2024: बुंलेदखंड के खूखार डकैत ददुआ को कौन नहीं जनता, चित्रकूट के बीहड़ो में आज भी ददुआ के नाम की कहनियां चर्चित है. बुंदेलखंड में पाठा के जंगल मिनी चंबल के नाम से चर्चित हैं. इन्हीं बीहड़ो में ददुआ का एकतरफा साम्राज्य चलता था. ददुआ जितना अपराध की दुनिया में सक्रिय था. उससे कई गुना ज्यादा राजनीती पर पकड़ थी. कह सकते है कि बुंलेदखंड की सियासत पर ददुआ की हुकूमत थी. ददुआ के एक आदेश पर सरकारे बननी और गिरती रही है. ददुआ ने सियासत की हवा का रुख पूरी तरह से पलट के रख दिया था. ददुआ गैंग के फरमान से उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश के सतना, रीवा, पन्ना, छतरपुर आदि में ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक और सांसद तक बनते रहे हैं.

एक बार फिर से देश में चुनावी महौल है. आने वाले कुछ दिनों में कभी लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. अब ऐसे में ददुआ का बात न हो तो कैसे चलेगा. बता दें कि ददुआ का बेटा और भतीजा विधायक बन चुके हैं जबकि भाई बालकुमार पटेल मिर्जापुर से सांसद बने थे. इस बार फिर से लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. लेकिन डकैतों से जुड़े परिवारों की सक्रियता नजर नहीं आ रही है. इससे कयास लगाया जा रहा है कि इस बार ददुआ के परिजन चुनाव में नजर नहीं आएंगे.

ददुआ के परिवार का राजनैतिक सफर
2007 में पुलिस मुठभेड़ में उसके मारे जाने के बाद उसका परिवार सक्रिय राजनीति में आया. उसके छोटे भाई बालकुमार 2009 के लोकसभा चुनाव में मिर्जापुर सीट से सांसद हुए और बालकुमार का बेटा राम सिंह पटेल 2012 के विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ जिले की पट्टी सीट से विधायक हुआ. वहीं, ददुआ के बेटे वीर सिंह चित्रकूट जिले की कर्वी सदर सीट से विधायक चुने गए. इसके पहले वीर सिंह पिता ददुआ की हनक की बदौलत साल 2000 में चित्रकूट जिला पंचायत के निर्विरोध अध्यक्ष भी चुने गए थे. 

भाजपा से मिली थी हार
2019 के लोकसभा चुनाव में बांदा चित्रकूट संसदीय सीट से बालकुमार पटेल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. इस चुनाव में बाल कुमार पटेल की करारी हार हुई. इस चुनाव में सपा के श्यामा चरण गुप्ता और भाजपा प्रत्याशी आरके सिंह पटेल के बीच मुकाबला हुआ था.

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