Property Tax in UP: घर पर लगा है मोबाइल टावर तो नगर निगम वसूलेगा मोटा टैक्स, कॉमर्शियल प्रापर्टी मानी जाएगी
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2331230

Property Tax in UP: घर पर लगा है मोबाइल टावर तो नगर निगम वसूलेगा मोटा टैक्स, कॉमर्शियल प्रापर्टी मानी जाएगी

Property Tax in UP:​ उत्तर प्रदेश में जिन घरों में मोबाइल टावर लगे है उनसे नगर निगम चार गूना टैक्स वसूलेगा. नगर निगम के सर्वे से बहुत बाते पता चली है जिसको देखते हुए उन्होंने यह फैसला लिया है..... 

Property Tax

लखनऊ: अगर आप भी घर पर मोबाइल टॉवर लगवाकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं तो सावधान हो जाइए. आपकी इस कमाई पर अब टैक्स लगने वाला है. घर पर मोबाइल टॉवर लगा है तो इसे कॉमर्शियल प्रापर्टी मानकर नगर निगम इस पर प्रापर्टी टैक्स वसूलेगा. इससे पहले एटीएम, मेडिकल स्टोर और अन्य तरह के व्यावसायिक कार्यों को भी कॉमर्शियल मानकर टैक्स वसूली की कवायद शुरू हो चुकी है.

लखनऊ नगर निगम
उत्तर प्रदेश के नगर निगम जिन घरों में मोबाइल टावर लगे है उनसे नगर निगम टैक्स वसूलेगा. टैक्स के लिए सर्वे के साथ नोटिस जारी करने का काम शुरू कर दिया गया है. टैक्स की गणना चालू वित्तीय वर्ष से ही होगी. लखनऊ नगर निगम के सर्वे में अभी तक 684 टावर का पता चला है. कमर्शियल उपयोग पर आवासियों से चार गुना टैक्स लिया जाएगा.

नगर निगम चार गुना हाउस टैक्स वसूलेगा
अब घरों की छतों पर मोबाइल टावर लगाकर कमाई करना महंगा पड़ सकता है. ऐसे मकानों से नगर निगम चार गुना हाउस टैक्स वसूलेगा. टावरों को खाली प्लाटों में लगाने पर भी उनसे टैक्स वसूली होगी. ऐसे घरों को नई टैक्स पॉलिसी में कामर्शियल कैटेगरी में रखा गया है. शहर में लगभग 700 मोबाइल टावर लगाए हैं, जिनमें मकान मालिक हर टावर पर 40 से 70 हजार रुपये प्रति महीना किराया लेते हैं. लेकिन सरकार को इनसे कोई लाभ नहीं हो रहा है इस लिए अब उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग इन टावरों को कामर्शियल केटेगरी में शामिल करने और अधिक टैक्स वसूलने के लिए तैयार है. 

नई टैक्स नीति
सिटी जोन अधीक्षक सुधीर शर्मा ने बताया कि जिन घरों में टावर लगा है उनका सर्वे किया जा रहा है. नई टैक्स नीति के अनुसार, इन्हें चार गुना टैक्स डिमांड बिल भेजा जाएगा. मोबाइल टॉवर लगी संपत्ति से नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स कॉमर्शियल दर से वसूलेगा. हाल ही में नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग ने इसके लिए एक सर्वे किया है. सर्वे में विभिन्न कंपनियों में पाया गया है कि ज्यादातर मोबाइल टावर घरों की छत पर लगाए गए हैं, लेकिन घरों से रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान किया जा रहा है. ऐसे में नगर निगम का राजस्व बहुत कम हो रहा है. सर्वे के दौरान रिहायशी इमारतों की छतों पर मोबाइल टावरों को चिह्नित किया गया है. अब नगर निगम इन संपत्तियों का भुगतान करने के लिए नोटिस भेजेगा. हर वार्ड में मोबाइल टावरों की सूची तैयार की गई है.

तीन गुना टैक्स
छोटे शहरों के लिए नगर विकास विभाग द्वारा जारी की गई नियमावली में होटल, कॉलेज, एटीएम और बैंकों को तीन गुना टैक्स देना होगा, जबकि मेडिकल स्टोर और टेंट हाउस चलाने वाले भवनों से दो गुना टैक्स वसूला जाएगा. छोटे शहरों में कॉमर्शियल इमारतों का उपयोग करने वालों को दो से तीन गुना टैक्स देना होगा. 

और पढ़ें- मेडिकल स्टोर-एटीएम या टेंट हाउस पर 3 गुना टैक्स, यूपी के छोटे शहरों में कॉमर्शियल प्रापर्टी के टैक्स में बंपर बढ़ोतरी

Trending news