मैनपुरी में बच्चे ने पुनर्जन्म की सुनाई दास्तां तो छलक पड़ीं मां-बाप की आंखें, 8 साल पहले हो गई थी मौत
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मैनपुरी में बच्चे ने पुनर्जन्म की सुनाई दास्तां तो छलक पड़ीं मां-बाप की आंखें, 8 साल पहले हो गई थी मौत

चंद्रवीर ने कक्षा के बारे में भी बताया अब चंद्रवीर के द्वारा पुनर्जन्म की बातें बताने और सुनने के बाद 8 वर्ष पहले की माता पिता बेहद खुश नजर आ रहे है. तो वर्तमान के माता-पिता भी हैरत में है.

मैनपुरी में बच्चे ने पुनर्जन्म की सुनाई दास्तां तो छलक पड़ीं मां-बाप की आंखें, 8 साल पहले हो गई थी मौत

आशुतोष मिश्रा/मैंनपुरी: जो पैदा हुआ है एक दिन उसका अंत भी होगा यही कुदरत का खेल है. विज्ञान भी नहीं मानता कि कोई मरने के बाद फिर पैदा हो सकता है. इंसान का पुनर्जन्म भी होता है. लेकिन एक ऐसी कहानी है जो विज्ञान की आंख से आंख मिलाकर खड़ी है जिसके सामने वैज्ञानिकों के सारे तर्क बेमानी साबित हो रहे हैं. 

यह कहानी है मैनपुरी के 8 वर्षीय बालक चंद्रवीर की जो कहता है, उसने मौत के बाद फिर से जन्म लिया है. जो कहता है कि वह अपने पिछले जन्म की पूरी घटना हुबहू जानता है. आपने किस्से कहानियों में जरूर सुना होगा कि एक व्यक्ति जन्म लेता है और उसे पिछले जन्म का सब कुछ याद रहता है. आज हम आपको जो बताने जा रहे है. वह कोई कहानी नहीं वास्तविक घटना है.

आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई खबर 
मैनपुरी से महज 13 किलोमीटर दूर थाना औंछा इलाके के नगला सहेली निवासी प्रमोद कुमार उस वक्त हैरान रह गए जब अचानक से घर पहुंचे एक 8 वर्षीय बालक ने उन्हें पिता कहकर बुलाया. प्रमोद कुछ समझ पाते उससे पहले ही 8 वर्षीय बालक चंद्रवीर ने बताया कि नहाते वक्त नहर में उसकी डूबकर मौत हो गई थी. मैं 8 वर्ष पूर्व का रोहित हूं. इतना सुनते ही प्रमोद और उनकी पत्नी ने चंद्रवीर को गले लगा लिया और दहाड़ मार कर रोने लगी.यह खबर इलाके में जंगल में आग की तरह फैल गई पूर्व जन्म के रोहित और वर्तमान के चंद्रवीर ने बताया कि वह इस दुनिया में दोबारा आया है. 

प्रमोद कुमार ने बताया तो उनके पुत्र रोहित की 13 वर्ष की उम्र में वर्ष 2013 में नहर में डूबने से मौत हो गई थी. उनके एकलौती बेटे की मौत के बाद वह बेटी के सहारे ही अपना जीवन यापन कर रहे थे. उनका बेटा माध्यमिक विद्यालय सहेली में पढ़ता था .

 पुनर्जन्म की बाते बताने लगा 
नागला अमर सिंह गांव के निवासी रामनरेश बताते हैं कि 8 वर्ष पहले उनके घर एक बेटे का जन्म हुआ था. उसका नाम उन्होंने चंद्रवीर रखा. जब वह बोलने लगा तो उसने अपनी पुनर्जन्म की बातें बताना शुरू कर दिया. वह अक्सर गांव नगला सहेली की तरफ दौड़ता था और वह कहता था कि उसे अपने माता-पिता से मिलना है. लेकिन, वह बेटे को खोने कि डर की वजह से उसको साथ लेकर नहीं जाते थे.
 
प्रधानाध्यापक को देखते ही छुआ पैर 
अब वह बच्चे की जिद के आगे मजबूर होकर उसे एक दिन नगला सहेली ले गए. बालक की पुनर्जन्म की बातों को सुनने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई. इसी बीच नगला सहेली विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुभाष यादव आ गए उन्हें देखकर बालक ने उनके पैर छूकर नाम से संबोधित किया. प्रधानाध्यापक सच्चाई जानने के लिए उसी विद्यालय में ले गए जहां हुए पूर्व जन्म में पढ़ता था.चंद्रवीर ने कक्षा के बारे में भी बताया अब चंद्रवीर के द्वारा पुनर्जन्म की बातें बताने और सुनने के बाद 8 वर्ष पहले की माता पिता बेहद खुश नजर आ रहे है. तो वर्तमान के माता-पिता भी हैरत में है.

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