मेरठ: छापेमारी में मिली 70 हजार अवैध कैरोसिन, कई अधिकारियों की भूमिका पर उठे सवाल
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मेरठ: छापेमारी में मिली 70 हजार अवैध कैरोसिन, कई अधिकारियों की भूमिका पर उठे सवाल

Meerut: बीजेपी (BJP) के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी पूरे मामले को गंभीर बताते हुए संसद में उठाने की बात कही है.

मेरठ में नकली पेट्रोल और मिलावटी डीजल की बिक्री ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं.

मेरठ: मेरठ (Meerut) में 70 हजार अवैध कैरोसिन (kerosene) सरकारी कैरोसिन सप्लायर डिपो से बरामदगी के बाद जिला पूर्ति विभाग और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation) के अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. बीजेपी (BJP) के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी पूरे मामले को गंभीर बताते हुए संसद में उठाने की बात कही है.

देश की राजधानी दिल्ली से महज कुछ ही किलोमीटर दूर, मेरठ में अवैध तेल का खेल इतने बड़े पैमाने पर चल रहा था. क्या ये महज एक केरोसीन डीलर का जिम्मेदार लोगों की आंखों में धूल झोंकना है? या फिर मुनाफाखोरी की किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसमें तेल कंपनियों के जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर प्रशासन तक की मिलीभगत हो सकती है. कई सवाल हैं जो मेरठ में तेल के खेल को लेकर खड़े हो रहे हैं.

दरअसल, मेरठ में 7 सितम्बर को 70 हजार अवैध कैरोसिन, सरकारी कैरोसिन सप्लायर डिपो मेसर्स रतिराम खूबचंद्र फर्म से बरामदगी के बाद जिला पूर्ति विभाग और इंडियन आयल कॉर्पोरशन के अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. 

मेरठ में नकली पेट्रोल और मिलावटी डीजल की बिक्री ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं. ढाई लाख लीटर नक़ली डीज़ल-पैट्रोल पकड़े जाने के कुछ दिन बाद ही अब 70 हजार लीटर कैरोसिन के अवैध भंडारण पकड़ा गया है. चौंकाने वाली बात ये है कि छापेमारी के तीसरे दिन भी आरोपी रतिराम खूबचंद फ़र्म के मालिक संजय कुमार उर्फ़ संजय तेली और मैनेजर विक्की को पुलिस गिरफ़्तार नहीं कर सकी है. प्रशासन ने मौके पर पुलिस तैनात कर रखी है और सीसीटीवी लगाए हैं ताकि सबूतों से छेड़छाड़ न हो सके. 

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मेरठ के एडीएम सिटी अजय तिवारी ने बताया कि इस मामले में आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 तहत थाना परतापुर में मुकदमा दर्ज कराया गया है और 16 बिन्दुओं पर इंडियन आयल कॉर्पोरेशन के क्षेत्रीय अधिकारी से जवाब मांगा गया है. उन्होंने स्वीकार किया कि तेल के खेल में रसूखदार लोग शामिल रहे हैं पर इस बार कार्रवाई फ़ाइनल स्टेज तक पहुंचेगी.

आपको बता दें कि तेल के खेल का ये मेरठ में य़े कोई पहला मामला नहीं है. मेरठ में तेल का खेल बड़े पैमाने पर हो रहा था. इससे पहले प्रशासन ने विगत 20 अगस्त को छापा मार कर बड़ा बरामदगी की थी. करीब ढाई लाख लीटर नकली डीज़ल-पैट्रोल की बरामदगी की थी. साल्वेंट में जलेबी बनाने के रंग को मिलाकर पैट्रोल-डीज़ल बनाया गया था. इस मामले में 11 लोगों की गिरफ़्तारी इस मामले में हुई थी. यहां से नक़ली पैट्रोल की सप्लाई पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड तक होती थी. इन फैक्ट्रियों के आस-पास अब भी कई ऐसे सुराग मौजूद हैं.  

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