किसानों को खुश करने के लिए मोदी सरकार 10 हजार कर सकती है किसान सम्मान निधि
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किसानों को खुश करने के लिए मोदी सरकार 10 हजार कर सकती है किसान सम्मान निधि

  क्रेंद्र की मोदी सरकार किसानों को नए बजट में खास तोहफा दे सकती है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करेंगी. इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. ऐसे में सरकार का पूरा ध्यान किसानों पर है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार किसानों को नए बजट में खास तोहफा दे सकती है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करेंगी. इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. ऐसे में सरकार का पूरा ध्यान किसानों पर है. तीनों कृषि कानूनों के कारण, दिल्ली सीमा पर किसानों के आंदोलन के बीच सरकार बजट में किसानों के हित में कई बड़ी घोषणाएं कर सकती है.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि कृषि कानून के विरोध में जुटे किसानों को खुश करने के मकसद से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में उनके हित में फैसला ले सकती हैं. खबर यह भी है कि सरकार किसान सम्मान निधि की सालाना मिलने वाली राशि को 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार तक कर सकती है.

6 हजार से बढ़ाकर कर सकती है 10 हजार 
हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए में छपी खबर के मुताबिक सरकार किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने पर विचार कर रही है. यह सालाना 10 हजार तक हो सकती है. उम्मीद है कि केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि योजना के तहत मौजूदा वार्षिक किस्त को 10000 रुपये तक बढ़ा सकती है. इस बजट में, किसानों ने सरकार से मांग की है कि 6 हजार की राशि कृषि के लिए अपर्याप्त है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बजट अनुमान (बीई) लगभग 1.51 लाख करोड़ रुपये था, जो अगले वित्त वर्ष 2020-21 में बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसके अलावा, 2019-20 में लगभग 1.40 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 2020-21 में ग्रामीण विकास के लिए आवंटन को बढ़ाकर 1.44 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत, इसे 2019-20 में 9682 करोड़ से बढ़ाकर 2020-21 में 11,127 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

 

किसानों ने सम्मान निधि को बढ़ाने की थी मांग
किसानों का कहना है कि पीएम-किसान योजना के तहत मिलने वाली राशि 500 रुपये प्रति माह है, जो काफी कम है. 1 एकड़ भूमि में धान की फसल उगाने में लगभग 3-3.5 हजार रुपये लगते हैं और गेहूं की फसल उगाने में लगभग 2-2.5 हजार रुपये का खर्च आता है. ऐसे में अधिक जमीन वाले किसानों के लिए छह हजार रुपये पर्याप्त नहीं है. ऐसे में राशि बढ़ाई जानी चाहिए ताकि खर्च पूरा हो सके.

2018 में शरू की गई थी योजना
यह योजना 1 दिसंबर 2018 को शुरू की गई थी और इसके तहत केंद्र सरकार किसानों के खाते में  किश्त के रूप में 6000 रुपये सालाना देती है. सभी किसानों को इसका लाभ मिले. इस योजना के तहत, खाते को अप्रैल-जुलाई, अगस्त-नवंबर और दिसंबर-मार्च की अवधि के दौरान भेजा जाता है. पीएम-किसान सम्मान निधि की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, इस योजना के 11.47 करोड़ लाभार्थी हैं.सरकार ने अभी तक करीब 9 करोड़ किसानों के खातों में 18000 करोड रुपए ट्रांसफर किए हैं किसानों को अब तक सातवीं किस्त मिल चुकी है.

बता दें कि, किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के मकसद से सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना चला रही है. इसमें हर साल किसानों को ₹6000 दिए जाते हैं. जो दो-दो हजार रुपए की किस्त में मिलते हैं. कोरोना काल के दौरान किसान लगातार इसमें वृद्धि की मांग कर रहे थे. वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में इसमें बढ़ोतरी होने की संभावना है. ऐसे में किसानों को ज्यादा फायदा हो सकता है. 

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