Peppermint Farming: किसान कम लागत लगाकर ज्यादा मुनाफा कर सकते हैं. पिपरमिंट की खेती के लिए कुछ जरूरी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए.
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Peppermint Farming: यूपी के किसान अब परंपरागत खेती से अलग कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश का किसान मुनाफे वाली फसलों की ओर रुख कर रहा है. किसान पिपरमिंट की खेती कर कुछ ही महीनों में अमीर बन सकता है. तो आइये जानते हैं पिपरमिंट की खेती करने से क्या मुनाफा हो सकता है.
किस जमीन पर सकते हैं पिपरमिंट की खेती
पिपरमिंट को मेंथा भी कहा जाता है. किसान कम लागत लगाकर ज्यादा मुनाफा कर सकते हैं. पिपरमिंट की खेती के सबसे जरूरी अनुकूल जलवायु का होना है. तो पिपरमिंट की खेती के लिए जनवरी और फरवरी का महीना सबसे अच्छा माना जाता है. किसान इसी महीने में मेंथा की खेती कर सकते हैं. दूसरी जरूरी बात मेंथा की खेती के लिए बुलई दोमट और मटियारी दोमट भूमि होनी चाहिए.
पिपरमिंट की खेती कैसे करें
पिपरमिंट की खेती के लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करने चाहिए. इसके बाद भूमि को समतल कर लेना चाहिए. इसके बाद खेत में गोबर और खाद आदि डाल सकते हैं. खेत को पाटा लगाकर समतल करने के बाद इसकी रोपाई की जा सकती है. ध्यान रहे कि पिपरमिंट की रोपाई के बाद खेत में हल्का पानी जरूर दें. खेत में जल निकासी की भी व्यवस्था होनी चाहिए.
कैसे होता है मुनाफा
अगर कोई एक बीघे में पिपरमिंट की खेती करता है तो उसे 20 से 25 लीटर तेल निकल सकता है. बाजार में पिपरमेंट का तेल बहुत महंगा बिकता है. बाजार में पिपरमेंट का तेल करीब एक हजार से डेढ़ हजार रुपये प्रति लीटर बिकता है. वहीं, प्रति लीटर पिपरमिंट तेल के उत्पादन में करीब पांच सौ रुपये की लागत आती है. ऐसे में किसानों के लिए ये फायदे की खेती हो सकती है.
कितनी लगती है लागत
एक बीघा में 10 किलोग्राम बीज पड़ता है. इसकी कीमत 30 से 35 रुपये किलो है. इसमें 15 किग्रा यूरिया और एक किलोग्राम सल्फर पड़ता है. कुल लागत करीब 5 से 6 हजार रुपए तक आती है. जानकारों का कहना है कि बोवाई से 75 से 90 दिनों के बीच पिपरमिंट तैयार हो जाता है. किसान इसकी पहली कटिंग करके इसकी दूसरी और तीसरी कटिंग भी कर सकता है.