Aaj Ka Panchang 14 November: जानें मंगलवार 14 नवंबर का पंचांग, जानें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल समय
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Aaj Ka Panchang 14 November: जानें मंगलवार 14 नवंबर का पंचांग, जानें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल समय

Aaj ka Panchang 14 November 2023: मंगलवार 14 नवंबर 2023 को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रहेगी. इस तिथि पर अनुराधा नक्षत्र और शोभना योग का संयोग रहेगा.

Aaj Ka Panchang 14 November: जानें मंगलवार 14 नवंबर का पंचांग, जानें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल समय

Aaj ka Panchang 14 November 2023: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 14 November 2023 का पंचाग... 

14 November 2023 का पंचाग

त्योहार और व्रत

अन्नकूट
चंद्र दर्शन
गोवर्धन पूजा

14 नवंबर 2023 शुभ मुहूर्त
14 नवंबर 2023 दिन मंगलवार-गोवर्धन पूजा

कार्तिक शुक्ल पक्ष की उदया तिथि प्रतिपदा
14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 37 मिनट तक.

शोभन योग
14 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 56 मिनट तक.

अनुराधा नक्षत्र
14 नवंबर को देर रात 3 बजकर 24 मिनट तक.

सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय
सुबह 6:43 AM 

सूर्यास्त
शाम 5:28 PM

अशुभ काल
राहू-2:54 पीएम – 4:16 पीएम
यम गण्ड - 9:27 एएम तक– 10:49 एएम तक.
कुलिक - 12:11 पीएम तक– 1:33 पीएम तक.
दुर्मुहूर्त - 08:54 एएम तक– 09:38 एएम, 10:52 पीएम – 11:45 पीएम तक.
वर्ज्यम् - 08:55 एएम तक – 10:29 एएम तक.

शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त - 11:49 एएम तक – 12:32 पीएम तक.
अमृत काल - 04:59 पीएम तक– 06:36 पीएम तक.
ब्रह्म मुहूर्त - 05:07 एएम तक – 05:55 एएम तक.

 

ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 

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