Bhadrapada Amavasya September 2024: कब है भाद्रपद सोमवती अमावस्या? जानें सही तिथि, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
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Bhadrapada Amavasya September 2024: कब है भाद्रपद सोमवती अमावस्या? जानें सही तिथि, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

Bhadrapada Amavasya September 2024: सनातन धर्म में अमावस्या का धार्मिक महत्व है. इस दिन श्रद्धालु धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करते हैं. इस बार ये भाद्रपद अमावस्या होगी, जो सोमवार को पड़ रही है. यही वजह है कि इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है.

Bhadrapada Amavasya September 2024: कब है भाद्रपद सोमवती अमावस्या? जानें सही तिथि, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

Bhadrapada Amavasya September 2024: सनातन धर्म में अमावस्या का खास महत्व है. इस दिन धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने की मान्यता है. इस बार यह भाद्रपद अमावस्या होगी, जोकि सोमवार को पड़ रही है इसीलिए इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन को तमिलनाडु में अवनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. वहीं इस दिन को मारवाड़ी समुदाय में भादो अमावस्या या भादी अमावस्या के रूप में मनाता है. सितंबर 2024 में इस साल सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है. मान्यता है कि
इस मौके पर ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान और तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं. इतना ही नहीं मान्यता तो ये भी है कि बच्चे के जीवन में यह खुशियां लाता है. आइए जानते हैं भाद्रपद माह की सोमवती अमावस्या में स्नान और दान करने का शुभ समय क्या है?

सोमवती अमावस्या की तिथि 
2 सितंबर 2024, सोमवार को सोमवती अमावस्या पड़ रही है. ये भाद्रपद माह की अमावस्या होगी. इस दिन पितरों का श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान करने की मान्यता है. कहते हैं ऐसा करने से जीवन के हर दुख, कष्टी दूर हो जाते हैं. 

जानें सोमवती अमावस्या का मुहूर्त
भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि: 2 सितंबर 2024, प्रातः 05 बजकर 21 मिनट पर आरंभ:  
भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि: 3 सितंबर 2024, प्रातः  07 बजकर 24 मिनट पर समाप्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04.38 - सुबह 05.24
पूजा मुहूर्त: सुबह 06.09 - सुबह 07.44

इस दिन क्या करें?
मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. आटे की गोलियां बनाकर मछलियों और चींटियों को खिलाना चाहिए. इसके अलावा इस दिन पीपल, बरगद, केला और तुलसी जैसे पेड़ लगाने चाहिए. माना जाता है कि वहां देवता निवास करते हैं. कहा जाता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं. जिससे जीवन में खुशियां आती हैं.

क्या है पूजन की विधि?
सोमवती अमावस्या पितरों और महादेव की पूजा को समर्पित है. इस दिन सूर्योदय से पहले नदी में स्नान करने के बाद कच्चे दूध में दही और शहद मिलाकर महादेव का अभिषेक करें. फिर चौमुखी घी का दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ करें. इस दिन व्रत करने से विवाह में कोई परेशानी नहीं आती और संतान के जीवन में भी खुशियां आती हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं/ पौराणिक कथाओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.

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