पुलिसवालों की आंखों में कैदियों ने झोंकी मिर्च फिर मारी गोली, रायफल लूटकर हुए फरार
कैदियों की पुलिस वैन पर तैनात सिपाही हरेंद्र सिंह और ब्रजपाल कैदियों को चन्दौसी न्यायालय में पेशी के बाद पुलिस वैन से वापस मुरादाबाद लेकर जा रहे थे. बैन में 24 कैदी मौजूद थे.
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सम्भल, दीप चंद्र जोशी : सम्भल जनपद में बुधवार (17 जुलाई) को चंदौसी न्यायालय में पेशी के बाद पुलिस पर हमला करके तीन कैदी फरार हो गए. जानकारी के मुताबिक, तीनों कैदियों को कोर्ट में पेश होने के बाद पुलिस मुरादाबाद जेल लेकर जा रही थी. तभी कैदियों ने दुसासाहसिक तरीके से पुलिस वैन में मौजूद दो पुलिस कर्मियों की आंखों में मिर्च पाउडर डाला और गोली मारकर दोनों पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी. बदमाश दोनों सिपाहियों की रायफल लेकर फरार हो गए. घटना संभल जिले के चंदौसी थानाक्षेत्र में बुधवार शाम को हुई.
पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
घटना के बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. घटना की जानकारी के बाद सम्भल के एसपी ने फरार कैदियों को गिरफ्तार करने के सख्त आदेश दिए हैं. फरार बदमाशों की तलाश के लिए जगह-जगह काम्बिंग की जा रही है.
ऐसा दिया घटना को अंजाम
घटना सम्भल जनपद के बनियाठेर थाना क्षेत्र की है. बुधवार शाम लगभग 4 बजे कैदियों की पुलिस वैन पर तैनात सिपाही हरेंद्र सिंह और ब्रजपाल कैदियों को चन्दौसी न्यायालय में पेशी के बाद पुलिस वैन से वापस मुरादाबाद लेकर जा रहे थे. बैन में 24 कैदी मौजूद थे. कैदियों से भरी पुलिस वैन जैसे ही थाना बनियाठेर क्षेत्र के मुरादाबाद-आगरा हाईवे पर पहुंची. वैन में मौजूद तीन कैदियों ने अचानक सिपाही हरेंद्र सिंह और ब्रजपाल सिंह के साथ कैदियों की आंखों में मिर्च पाऊडर झोंक दिया. दोनों पुलिसकर्मी कुछ कर पाते, इससे पहले ही कैदियों ने अपने पास पहले से ही मौजूद तमंचे से सिपाही हरेंद्र सिंह और ब्रजपाल के गोली मार दी और उनकी रायफल ली और वैन के चैनल गेट को तोड़कर फरार हो गए.
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ये है फरार कैदियों का नाम
फरार कैदियों के नाम के नाम धर्मपाल, शकील और कमल बताए जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, पुलिस कर्मियों की हत्या कर फरार तीनों कैदियों को कुछ दिन पहले बहजोई थाना पुलिस ने लूट, डकैती और गैंगस्टर के आरोप में गिरफ्तार किया था. घटना में शहीद हुए कांस्टेबल हरेंद्र सिंह और ब्रजपाल सिंह बिजनौर जनपद के रहने वाले थे.
सामने आई पुलिस की संवेदनहीनता
घटना के बाद पुलिस के आला अफसरों की संवेदनहीनता सामने आई. घटना में शहीद हुए कांस्टेबल हरेंद्र सिंह और ब्रजपाल सिंह के शव को डग्गामार वाहन में लादकर चंदौसी के सामुदायिक अस्पताल पहुंचाया गया. शहीद पुलिस कर्मियों के शव को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नहीं की गई.
खटारा निकली पुलिस वैन
घटना के बाद पुलिस वैन के खटारा होने की बात भी सामने आई. पुलिस बैन में बैठे 19 कैदियों की सुरक्षा के लिहाज से दूसरी वैन में ट्रांस्फर करने के लिए ड्राइवर ने पुलिस वैन को स्टार्ट करने की कोशिश की तो, काफी देर तक पुलिस वैन स्टार्ट ही नहीं हुई. पुलिस के आला अफसरों की मौजूदगी में पुलिस कर्मियों ने पुलिस वैन को धक्का देकर स्टार्ट कराया.
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस मामले के होने के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हुए हैं. सवाल ये कैदियों को पेशी पर लाने और वापस जेल जाने से पहले सघन तलाशी क्यों नहीं हुई? कैदियों के पास मिर्च पाउडर और तमंचा कहां से आया?
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