Sawmi Prasad Maurya Statement: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) के ब्रिटिश शासन से पहले देश के 70% लोग शिक्षित वाले बयान को लेकर सवाल उठाए हैं. जानें मौर्य ने क्या कहा?
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Sawmi Prasad Maurya Statement: रामचरितमानस पर विवादित बयान (Ramcharitmanas Controversy) देने के बाद से समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (SP MLC Swami Prasad Maurya) लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. गुरुवार को उन्होंने एक बार फिर नारी व शूद्र समाज को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) पर निशाना साधा है. उन्होंने भागवत के "ब्रिटिश शासन से पहले देश के 70% लोग शिक्षित थे" वाले बयान पर को गलत बताया है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने भी भाजपा की डबल इंजन सरकार पर हमला बोला है.
पहले नारी व शूद्र समाज को पढ़ने का अधिकार नहीं था: स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा, "संघ प्रमुख भागवत जी का यह कहना कि अंग्रेजों के आने से पहले 70% भारत के लोग शिक्षित थे, सरासर झूठ है. अंग्रेजी शासन के पहले समस्त नारी व शूद्र समाज को पढ़ने का अधिकार ही नहीं था. "नारी शूद्रों न धीयताम" अस्तु 70% लोग नहीं अपितु 70% ब्राह्मण शिक्षित थे, जो देश का मानक नहीं हो सकता."
संघ प्रमुख भागवत जी का यह कहना कि अंग्रेजो के आने से पहले 70% भारत के लोग शिक्षित थे, सरासर झूठ है। अंग्रेजी शासन के पहले समस्त नारी व शूद्र समाज को पढ़ने का अधिकार ही नहीं था "नारी शूद्रों न धीयताम" अस्तु 70% लोग नहीं अपितु 70% ब्राह्मण शिक्षित थे, जो देश का मानक नहीं हो सकता।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) March 9, 2023
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दिया था ये बयान
गौरतलब है संघ प्रमुख मोहन भागवत बीते रविवार को इंद्री-करनाल रोड पर एक मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल के उद्घाटन के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक बयान देते हुए कहा था, ‘ब्रिटिश शासन से पहले, हमारे देश की 70 प्रतिशत आबादी शिक्षित थी और कोई बेरोजगारी नहीं थी. जबकि उस दौरान इंग्लैंड में केवल 17 प्रतिशत लोग शिक्षित थे.’ उन्होंने कहा, ‘अंग्रेजों ने भारत में अपना शिक्षा मॉडल लागू किया और हमारे मॉडल को अपने देश में लागू किया. इस तरह वे 70 फीसदी शिक्षित हो गए और हमारी साक्षरता दर 17 फीसदी पर सिमट गई.’
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा, ‘हमारी शिक्षा प्रणाली न केवल रोजगार के लिए थी, बल्कि यह ज्ञान का माध्यम भी थी. शिक्षा सस्ती और सभी के लिए सुलभ थी. इसलिए शिक्षा का सारा खर्च समाज ने उठाया और इस शिक्षा से निकले विद्वानों, कलाकारों और कारीगरों को पूरी दुनिया में पहचान मिली.’
सपा ने डबल इंजन सरकार पर साधा निशाना
सपा मीडिया सेल ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक पोस्ट शेयर करते हुए भाजपा की डबल इंजन वाली सरकरा पर निशाना साधा. सपा ने देश की बुनियादी जरूरतें और मुद्दे गिनाते हुए लिखा, "धर्म के लिए आस्था और सम्मान हमारा निजी विषय है. लेकिन हम सरकारें अपनी और समाज की बुनियादी जरूरतों के लिए चुनते हैं. भाजपा ने समाज के बुनियादी ढांचे को तहस नहस कर दिया है. रोजगार, मकान, स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी कब मिलेगा?"
देश की बुनियादी जरूरतें और मुद्दे यह हैं
धर्म के लिए आस्था और सम्मान हमारा निजी विषय है
लेकिन हम सरकारें अपनी और समाज की बुनियादी जरूरतों के लिए चुनते हैं
भाजपा ने समाज के बुनियादी ढांचे को तहस नहस कर दिया है
रोजगार मकान स्वास्थ्य सुरक्षा शिक्षा सड़क बिजली पानी कब मिलेगा ? pic.twitter.com/kz8Hyq6U66
— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) March 9, 2023
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