जानिए कौन था अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का पहला ग्रेजुएट, जिन्होंने आगे चलकर रचा इतिहास
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जानिए कौन था अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का पहला ग्रेजुएट, जिन्होंने आगे चलकर रचा इतिहास

AMU की छात्र राजनीति से राजनीति के क ख ग सीखने वाले कई छात्र सियासत के शिखर तक पहुंचे.  ईश्वरी प्रसाद (Ishwari Prasad) पहले स्टूडेंट के तौर पर पासआउट हुए. बाद में उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन (post graduation) भी किया. आगे चलकर वो मशहूर इतिहासकार हुए.

जानिए कौन था अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का पहला ग्रेजुएट, जिन्होंने आगे चलकर रचा इतिहास

अलीगढ़:  दुनियाभर में अपनी तालीम के लिए मशहूर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) 100 साल की हो गई. विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से राजनीति के क ख ग सीखने वाले कई छात्र सियासत के शिखर तक पहुंचे. यहां से निकले कई छात्र विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति तक की कुर्सी तक पहुंचे. एएमयू से ग्रेजुएट करने वाले पहले शख्स भी हिंदू थे, जिनका नाम इश्वरी प्रसाद था. 

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एएमयू के पहले ग्रेजुएट थे ईश्वरी प्रसाद
साल 1881 में यहां 4 लड़कों ने पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षा दी उनमें से तीन फेल हो गए. ईश्वरी प्रसाद (Ishwari Prasad) पहले स्टूडेंट के तौर पर पासआउट हुए. बाद में उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन (post graduation) भी किया. आगे चलकर वो मशहूर इतिहासकार भी हुए.

एक मशहूर इतिहासकार के रूप में नाम कमाया
ईश्वरी प्रसाद उपाध्याय (1888 - 1986) एक भारतीय इतिहासकार थे. वो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) के पूर्व छात्र और विश्वविद्यालय के पहले स्नातक थे. उन्होंने मुख्य रूप से भारत के मुस्लिम शासकों खासकर मुगल, तुगलक राजवंशों, उन्होंने मुहम्मद बिन तुगलक, दिल्ली के सुल्तान, हुमायूँ और औरंगज़ेब जैसे शासकों पर व्यापक काम किया.

पिता की मौत के बाद परिवार को संभाला
उपाध्याय का जन्म आगरा, उत्तर प्रदेश में कुर्रा चित्तरपुर नामक गांव में हुआ. उनके पिता लेफ्टिनेंट शोभाराम उपाध्याय एक स्कूल में हेड मास्टर थे. उनके पिता की असामयिक मृत्यु के बाद 12 वीं कक्षा के छात्र के ऊपर पूरी जिम्मेदारी आ गई. डाक्टर साहब ने अपनी शिक्षा जारी रखी और ट्यूशन देकर अपनी आजीविका अर्जित की, उन्होंने अपने छोटे भाइयों और बहनों को शिक्षित किया और पूरे परिवार की देखभाल की. ईश्वरी प्रसाद को भारत सरकार द्वारा सन 1984 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. 

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश राज में बना एएमयू
मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज पहले कलकत्ता यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड था. बाद में वो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जुड़ा. एएमयू कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश राज के समय बनाया गया पहला उच्च शिक्षण संस्थान था.

सर सैयद अहमद खान ने की स्थापना
भारतीय मुसलमानों में आधुनिक शिक्षा के सबसे बड़े पैरोकार और नेता सर सैयद अहमद खान ने 1877 में मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की, जो 1920 में सेंट्रल बनी, जिसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है.

मुसलमानों के लिए आधुनिक शिक्षा की शुरूआत
हिन्दुस्तानी शिक्षक और नेता सैयद अहमद खान ने भारत के मुसलमानों के लिए आधुनिक शिक्षा की शुरुआत की. खान अपने समय के सबसे प्रभावशाली मुस्लिम नेता थे और उन्होंने उर्दू को भारतीय मुसलमानों की सामूहिक भाषा बनाने पर जोर दिया था.

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ये बड़ी हस्तियां रही एएमयू का हिस्सा
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़े जाकिर हुसैन ने भारत के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति को सुशोभित किया तो हामिद अंसारी 10 साल तक उपराष्ट्रपति के पद पर रहे हैं. इस से पढ़े मंसूर अली बांग्लादेश के प्रधानमंत्री बने तो मोहम्मद अमीन दीदी मालदीव के राष्ट्रपति बने. जम्मू-कश्मीर के सीएम रहे शेख अब्दुल्लाह और दिल्ली के सीएम रहे साहिब सिंह वर्मा भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र रहे.

बॉलीवुड के दिग्गज नसीरुद्दीन शाह और जावेद अख्तर ने भी यहीं से पढ़ाई की. ज्ञानपीठ सम्मान पाने वाले शायर शहरेयार भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के चमन के ही बुलबुल रहे हैं. और अकेले पाकिस्तानी जिसे भारत रत्न से नवाज़ा गया. सीमांत गांधी यानी खान अब्दुल गफ्फार खान भी अलीगढ़ मुस्लिम से ही पढ़े हैं.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 30 हज़ार से ज्यादा छात्र-छात्राएं
ग्रैंड ट्रंक रोड पर 1200 एकड़ जमीन पर फैले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 30 हज़ार से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं. यहां आधुनिक और पारंपरिक शिक्षा के 300 से ज्यादा कोर्सेस हैं. इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ और मीडिया जैसे कोर्सेस के लिए बेहतर संस्थान में शुमार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 13 फैकल्टी हैं और कुल 108 डिपार्टमेंट हैं. आज इस यूनिवर्सिटी का परिसर 467 हेक्टेयर में फैला हुआ है.

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