UP News: यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री को तीन साल की सजा, भ्रष्टाचार के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला
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UP News: यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री को तीन साल की सजा, भ्रष्टाचार के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला

Rakesh Dhar Tripathi: यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री को तीन साल की सजा भ्रष्टाचार के मामले में सुनाई गई है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया है. 

Rakesh Dhar Tripathi

Rakesh Dhar Tripathi News: एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को भ्रष्टाचार के मामले में तीन साल की सजा सुनाई है औऱ दस लाख का जुर्माना लगाया है.  पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को हिरासत में ले लिया गया है. सजा के बाद उनको जेल भेजने की भी तैयारी थी. हालांकि एमपी एमएलए कोर्ट से पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को जमानत मिल गई. आय से अधिक संपत्ति मामले में कोर्ट ने पूर्व मंत्री को शर्तों के साथ जमानत दी.तीन साल की सजा होने के चलते उन्हें उच्च अदालत में अपील के साथ बेल दी गई. वकीलों ने उनकी अधिक उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया.

इससे पहले कोर्ट ने पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को दोषी करार दिया. आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी दोषी करार दिए गए हैं.  एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को दोषी ठहराने के साथ ही आज ही सजा का ऐलान कर दिया. सजा के बिंदु पर कुछ देर के बाद आएगा कोर्ट का फैसला आना है. 

साल 2013 में प्रयागराज के मुट्ठीगंज थाने में उन पर मुकदमा दर्ज हुआ था. बीएसपी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. राकेश धर त्रिपाठी ने 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव अपना दल सोनेलाल के चुनाव चिन्ह पर लड़ा था. उन्होंने प्रयागराज की प्रतापपुर सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार मिली. 

राकेश धर त्रिपाठी कभी बसपा के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे. मायावती के वो काफी करीबी माने जाते थे औऱ पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग में उनकी गिनती बड़े ब्राह्मण नेताओं में होती थी. 

राकेश धर त्रिपाठी पर उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए  फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेजों को मान्यता देने का आरोप लगा था. लोकायुक्त जांच में उन्हें कॉलेजों को गलत ढंग से मान्यता देने का आरोप सही साबित हुआ था. बसपा से उनके रिश्ते करीब 10 साल पहले खराब होना शुरू हो गए थे.

लेकिन पार्टी ने उन्हें भदोही लोकसभा सीट से 2014 में टिकट देकर कद बढ़ाने की कोशिश की. उनके भतीजे पंकज त्रिपाठी को भी विधानसभाचुनाव लड़ाया गया लेकिन दोनों बुरी तरह हार गए. 

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