उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री का आरोप, कहा- 'मंदिर मुद्दे पर गुमराह कर रहे मुख्यमंत्री'
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उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री का आरोप, कहा- 'मंदिर मुद्दे पर गुमराह कर रहे मुख्यमंत्री'

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर ने बलिया जिले के रसड़ा स्थित आवास पर सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बीजेपी पर एक बार फिर निशाना साधा

राजभर ने कहा कि बीजेपी के साथ उनके दल के गठबंधन का 24 फरवरी आखिरी दिन होगा

नई दिल्ली: भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर राम मंदिर मसले को लेकर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर ने बलिया जिले के रसड़ा स्थित आवास पर सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए भाजपा पर एक बार फिर निशाना साधा. योगी आदित्यनाथ के, एक निजी टेलीविजन चैनल को दिये गये इंटरव्यू में राम मंदिर मसले का समाधान 24 घण्टे में निकाल देने के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया. 

राजभर ने सवाल किया कि भाजपा केन्द्र में अपने पांच वर्ष के शासन काल में राम मंदिर मसले का समाधान नहीं निकाल सकी तो योगी 24 घण्टे में क्या कर लेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक में सरकार है, उसे राम मंदिर बनाने के लिये रोका किसने है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राहुल इस पद के लिये उपयुक्त व्यक्ति हैं. फिर भी जनता मालिक है, वह जिसे चाहेगी वही प्रधानमंत्री बनेगा. हर व्यक्ति में गुण होता है, राहुल में भी है, जिस तरह वर्तमान समय में केंद्र सरकार चल रही है, राहुल भी उसी तरह सरकार चलाएंगे.

प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव बनाये जाने पर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सम्भावनाओं को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रियंका वोट में कितना इजाफा करने में सफल होंगी, यह तो समय बतायेगा. लेकिन यह सही है कि प्रियंका के महासचिव बनने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश का संचार हुआ है.

राजभर ने कहा कि बीजेपी के साथ उनके दल के गठबंधन का 24 फरवरी आखिरी दिन होगा. उन्होंने भाजपा पर पिछड़े वर्ग को धोखा देने का आरोप लगाया और दावा किया कि लोकसभा के आगामी चुनाव में सवर्ण तथा पिछड़े वर्ग के बीच राजनैतिक संघर्ष होगा और पिछड़े वर्ग सपा-बसपा गठबंधन के साथ होंगे.

(इनपुट-भाषा)

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