सांस्कृतिक कार्यक्रम में भक्ति संगीत गायिका अनुराधा पौडवाल अपनी आवाज का जादू बिखेरेंगी. पद्मभूषण और ग्रैमी अवार्ड विजेता पंडित विश्व मोहन भट्ट की प्रस्तुति से होगा महोत्सव का आगाज होगा. कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है.
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Dev Deepawali 2021: इस साल ‘देव दिवाली’ 18 नवंबर 2021 दिन गुरुवार यानी आज मनाई जा रही है. हिंदू पंचाग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली मनाई जाती है. गुरुवार से देव दीपावली शुरू हो गई है जो कल तक इसका मुहूर्त रहेगा. इस मौके पर गंगा महोत्सव में ग्रैमी विजेता पंडित विश्वमोहन प्रस्तुति देंगे. कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है. मान्यता है कि देव दिवाली के दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आकर दिवाली मनाते हैं देव दिवाली के दिन गंगा नदी में स्नान ध्यान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. देव दीपवाली की रात, हजारों लोग, स्थानीय लोग और पर्यटक समान रूप से नदी के घाटों पर गंगा आरती देखने के लिए आते हैं. सभी जगह हजारों दीए जलाए जाते हैं.
अनुराधा पौडवाल बिखेरेंगी आवाज का जादू
सांस्कृतिक कार्यक्रम में भक्ति संगीत गायिका अनुराधा पौडवाल अपनी आवाज का जादू बिखेरेंगी. पद्मभूषण और ग्रैमी अवार्ड विजेता पंडित विश्व मोहन भट्ट की प्रस्तुति से होगा महोत्सव का आगाज होगा. दशाश्वमेध घाट पर देव दीपावली महोत्सव में लोगों को आरती के जरिए निर्मलता की शपथ दिलाई जाएगी. इस बार देवकन्याएं देव दीपावली की महाआरती करेंगी .
एयर बैलून के जरिए शहर के नजारे को आंखों में कैद करेंगे पर्यटक
वाराणसी में गंगा आरती का विशेष आयोजन किया जाता है. वाराणसी की देव दीपावली भारत के अमर वीर योद्वाओं को समर्पित रहेगी. देव दीपावली की महाआरती वीरों को समर्पित होगी. देव दीपावली के अवसर पर गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने, पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश दिया जाएगा. पर्यटक एयर बैलून के जरिए शहर के नजारे को आंखों में कैद करेंगे. घाटों पर 120 समितियां 12 लाख दीप जलाएंगी.
देव दीपावली 2021 शुभ मुहूर्त
देव दीपावली की तिथि और शुभ मुहूर्त देव दीपावली की तिथि-19 नवंबर
देव दीपावली तिथि आरंभ- 18 नवंबर को रात 12 :02
देव दीपावली तिथि समाप्त-19 नवंबर को दोपहर 2 :39
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वाराणसी की देव दीपावली देखने लायक
मुख्य रूप से देव दिवाली काशी में गंगा नदी के तट पर मनाई जाती है. इस दिन काशी नगरी में एक अलग ही उल्लास देखने को मिलता है. हर ओर साज-सज्जा की जाती है और गंगा घाट पर हर ओर मिट्टी के दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं. उस समय गंगा घाट का दृश्य भाव विभोर कर देने वाला होता है. देव दीपावली पर दीये जलाने का महत्व वाराणसी की देव दीपावली वास्तव में देखने लायक होती है.
पवित्र शहर का हर घाट और मंदिर मिट्टी के दीयों से जगमगा रहा होता है. ऐसा माना जाता है कि देवता गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए इस शुभ अवसर पर वाराणसी आते हैं. इसी कारण देव दीपावली का त्योहार इतना लोकप्रिय माना जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर राक्षस का अंत किया था. इसी खुशी में देवताओं ने दीपक जलाकर खुशियां मनाईं थी. ऐसी मान्यता है कि तब से ही ये परंपरा चली आ रही है.
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