Barabanki: दो बार किडनी खराब होने के बाद धर्मेंद्र बने विश्व चैंपियन, पूरी दुनिया में लहराया भारत का परचम
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Barabanki: दो बार किडनी खराब होने के बाद धर्मेंद्र बने विश्व चैंपियन, पूरी दुनिया में लहराया भारत का परचम

Barabanki News: धर्मेंद्र सोती ने दो बार किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) कराने के बाद भी वर्ल्ड चैंपियन (Wordl Champion) बनकर पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन किया है. धर्मेंद्र ने ऑस्ट्रेलिया (Australia) में बैडमिंटन (Badminton) स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता है. 

गोल्ड मेडल जीतने के बाद धर्मेद्र सोती का फोटो

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. यह बात एक किडनी की बदौलत बैडमिंटन स्पर्धा में विश्व चैंपियन बने धर्मेंद्र सोती (Dharmendra Soti) ने सही साबित कर दिखाई है. वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स की बैडमिंटन स्पर्धा में धर्मेंद्र ने गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतकर सबको हैरान कर दिया है. इस उपलब्धि से उन्होंने प्रदेश ही नहीं देश का नाम भी पूरी दुनिया में रौशन किया है. 

ऑस्ट्रेलिया में जीता पदक
नारकोटिक विभाग में सुपरिटेंडेंट पद पर कार्यरत धर्मेंद्र सोती ने ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में हुए विश्व ट्रांसप्लांट गेम्स की बैडमिंटन स्पर्धा स्वर्ण पदक जीता है. उन्होंने 50-59 वर्ष आयु वर्ग के एकल फाइनल में थाईलैंड के नाथोपोलो को 10- 15, 15 -10, 15 -13 से हराया. आपको बता दें धर्मेंद्र एक ही किडनी पर जीवन जी रहे हैं. पहले उन्हें किडनी उनके छोटे भाई अवधेश ने दी, जब वह किडनी भी खराब हो गई तो फिर उनके साले ने उन्हें किडनी दान की. दो बार किडनी ट्रासंप्लांट होने बाद भी धर्मेंद्र हौसला नहीं हारे और आज इस मुकाम को हासिल किया, जिसे अच्छे-अच्छे लोग हासिल करने में पीछे हट जाते हैं.

90 के दशक के बेहतरीन खिलाड़ी
आपको बता दें कि धर्मेंद्र 90 के दशक में राज्य के बेहतरीन खिलाड़ी थे, उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन भी किया था. साल 2001 में उनकी दोनों किडनी खराब हो गई थी, जिसके बाद उनका बचना नामुमकिन हो गया था. धर्मेंद्र के छोटे भाई अवधेश ने तब अपनी एक किडनी देकर उनको दी. इसके बाद धीरे-धीरे वह खेल के मैदान में दोबारा लौटे. साल 2013 में दक्षिण अफ्रीका में विश्व ट्रांसप्लांट गेम्स में हिस्सा लिया और रजत पदक जीता. इसके बाद 2015 में विश्व ट्रांसप्लांट गेम्स में उन्होंने कमाल का प्रदर्शन करते हुए 1 स्वर्ण और एक रजत पदक जीतकर इतिहास रचा था.

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धर्मेंद्र की किडनी दूसरी बार 2019 में विश्व ट्रांसप्लांट गेम्स की तैयारी के दौरान खराब हो गई थी. इस बार धर्मेंद्र के साले नितिन द्विवेदी ने उन्हें किडनी दी. धर्मेंद्र के मुताबिक कभी विश्व चैंपियन बनने के सपने के बीच उनकी दोनों किडनी खराब हो गई थी, पर ट्रांसप्लांट गेम्स में अब विश्व चैंपियन बनने का उनका सपना पूरा हो गया.

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