एक तरफ जहां यूपी में पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मिकी की हत्या के बाद लगातार कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गांधी वाड्रा दलित हितैषी बन रहे हैं, वहीं राजस्थान में दलितों के साथ हो रहे अत्याचार पर कोई सक्रियता नहीं दिख रही.
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आगरा: ताजनगरी आगरा में पुलिस हिरासत में सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि की मौत के मामले में राजनीति गरमा गई है. जाहिर सी बात है, उत्तर प्रदेश चुनाव में बढ़त हासिल करने के लिए कांग्रेस हर उस मुद्दे को भुनाना चाहती है, जिससे प्रदेश सरकार को घेरा जा सके. प्रियंका गांधी के एलान के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दकी, पूर्व मंत्री प्रदीप माथुर समेत अन्य नेताओं का कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल मृतक सफाई कर्मचारी के लोहामंडी स्थित घर पहुंचा और परिजनों से मुलाकात की.
कांग्रेस परिजनों को देगी 30 लाख रुपए
इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उसके राज में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं. पुलिस लोगों के साथ बर्बरता कर रही है. सलमान खुर्शीद ने मृतक के परिजनों को कांग्रेस की तरफ से 30 लाख का मुआवजा देने की बात कही. इस मौके पर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने भी भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार मनमानी पर उतारू है. पुलिस हत्याएं कर रही है. उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कही.
कांग्रेस लड़ेगी अरुण वाल्मीकि की लड़ाई
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल अपने साथ अधिवक्ताओं का एक पैनल भी साथ लेकर आया था. सलमान खुर्शीद ने मृतक की मां कमला देवी और पत्नी सोनम से कहा कि उनकी पार्टी अरुण वाल्मीकि को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगी. उन्होंने कहा कि वह इसीलिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की एक टीम लेकर परिवार से मिलने आए हैं. उन्होंने मृतक के परिवारीजनों से कहा कि वे अपना बैंक खाता खुलवा लें. कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें 30 लाख रुपये तत्काल भेज दिए जाएंगे. उन लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है.
मौत का कोई मुआवजा नहीं होता: सिद्दीकी
खुर्शीद ने कहा कि सरकार ने जो सहायता राशि दी है, उससे पीड़ित परिवार के आंसू नहीं पोछे जा सकते हैं. स्वयं प्रियंका गांधी परिवारीजनों से मिलने आईं और इस घटना से व्यथित हैं. कांग्रेस इस प्रकरण को संसद के शीतकालीन सत्र में भी उठाएगी. नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि अरुण वाल्मीकि की पुलिस हिरासत में मौत हुई है और मुकदमा अज्ञात में लिखा गया है. यूपी में अंधेर नगरी, चौपट राजा की कहावत चरितार्थ हो रही है. उन्होंने कहा कि मौत का कोई मुआवजा नहीं होता है.
यूपी में कांग्रेस की क्रांति, राजस्थान पर चुप्पी
एक तरफ जहां यूपी में पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मिकी की हत्या के बाद लगातार कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गांधी वाड्रा दलित हितैषी बन रहे हैं, वहीं राजस्थान में दलितों के साथ हो रहे अत्याचार पर कोई सक्रियता नहीं दिख रही. बीते कुछ महीनों में राजस्थान के हनुमानगढ़, जालोर, अलवर, झालावाड़ और नागौर में दलितों के साथ अत्याचार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ये तो हाल की घटनाएं हैं.
इनके अलावा भी दर्जनों घटनाएं हुई हैं. लेकिन ऊना कांड पर बवाल मचाने, अरुण वाल्मीकि से हमदर्दी रखने वाले, लखीमपुर खीरी मामले में पैदल मार्च निकालने औ मौन धरना देने वाले कांग्रेसी राजस्थान की घटनाओं पर मुर्दा मौन साधे हुए हैं. राजस्थान में दलितों पर हुए तमाम अत्याचार के मामलों में न तो प्रियंका और राहुल पीड़ितों से व उनके परिजनों से मिलने पहुंचे, न ही कांग्रेस का कोई प्रतिनिधिमंडल. चूंकि राजस्थान में कांग्रेस ही सत्ता में है और यूपी में अगले 6 महीने में चुनाव हैं. इसलिए यह चुप्पी समझ भी आती है.
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