पीड़ित विनोद की मानें तो उसे दिल्ली स्थित शाहीन बाग की एक मस्जिद में मौलाना कलीम सिद्दीकी से मिलवाया गया था. जहां उसने विनोद का धर्मांतरण करवाया और उसका नाम नूर मोहम्मद रख दिया.
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नई दिल्ली: धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) पर लगातार हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच मौलाना के तार फरीदाबाद से भी जुड़ गए हैं. दरअसल, मौलाना कलीम सिद्दीकी और उसके पांच अन्य साथियों के खिलाफ फरीदाबाद के सेक्टर 17 में जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, विनोद नाम के एक शख्स ने फरीदाबाद के सेक्टर 17 थाने में मुकदमा दर्ज कराया. पीड़ित ने बताया कि 2011 में वह अपने परिवार के साथ सेक्टर 17 की प्रेम नगर की झुग्गियों में रहता था. उसी के पड़ोस में कुछ मुस्लिम युवक रहा करते थे, जो उसे मुस्लिम समाज की अच्छाइयों के बारे में बताया करते थे और हिंदू धर्म की बुराई किया करते थे. इतना ही नहीं आरोपियों द्वारा विनोद को बीच-बीच में कुछ पैसे और अन्य जरूरी सामान भी दिए जाते थे. इसी के चलते वह उनके चंगुल में फंस गया.
मौलाना कलीम सिद्दीकी ने कराया था धर्म परिवर्तन
पीड़ित विनोद की मानें तो उसे दिल्ली स्थित शाहीन बाग की एक मस्जिद में मौलाना कलीम सिद्दीकी से मिलवाया गया था. जहां उसने विनोद को गले लगाते हुए उसका धर्मांतरण करवाया. उसका नाम नूर मोहम्मद रख दिया. उनके चंगुल से छूटकर आए विनोद ने बताया कि उसे गुजरात और यूपी में इस्लामी तालीम के लिए भेजा गया था. वहां उसे हिंदू धर्म की बुराइयां और इस्लाम धर्म की अच्छाइयां बताई जाती थीं.
2018 में किसी तरह चंगुल से भाग निकला था पीड़ित
पीड़ित विनोद ने बताया कि मौलाना कलीम सिद्दीकी का एक साथी था, दिलशाद. वह पीड़ित को पाकिस्तान में आतंकवाद की ट्रेनिंग के लिए भेजने की बात कहा करता था. इसकी वजह से विनोद हमेशा डरा-सहमा रहता था. साल 2018 में विनोद किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर फरीदाबाद आ गया. यहां उसने 2 साल गुमनामी में बिताए. वहीं, जब साल 2020 में उसे बहन की शादी के बारे में पता चला तो वह अपने परिवार से मिलने आया. परिवार के लोगों ने उसे समझाया और वापस अपने साथ रखा. उसके बाद पीड़ित ने अब जाकर सेक्टर 17 थाने में मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
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मौलाना पर लगे हैं ये संगीन आरोप
यूपी एटीएस ने 22 सितंबर को अवैध धर्मांतरण केस में मुजफ्फरनगर के मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था. कलीम सिद्दीकी को मेरठ के लिसाडीगेट थाना इलाके से गिरफ्तार किया गया. जमीयत-ए-वलीउल्लाह और ग्लोबल पीस सेंटर के प्रेसिडेंट कलीम सिद्दीकी पर अवैध धर्मांतरण रैकेट चलाने और हवाला से विदेशी फंडिंग पाने के आरोप हैं. यूपी एटीएस के मुताबिक, मौलाना के पास हवाला के जरिए 3 करोड़ रुपये की फंडिंग के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जिसमें डेढ़ करोड़ बहरीन से आए हैं. पुलिस का दावा है कि धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी के आपस में लिंक है.
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