Ayodhya news: इस समय पूरा देश राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की शुभ घड़ी का इंतजार कर रहा है. इसी बीच योगी सरकार ने एक और तोहफा दिया है. सरकार ने अयोध्या के कई पुराने मंदिरों की काया कल्प कराने का फैसला किया है.
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Ayodhya news: रामनगरी अयोध्या समेत पूरे भारत में इस समय राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां चल रही है. इसी बीच योगी आदित्यनाथ की सरकार रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही यहां के अन्य मंदिरों को भी संवारने जा रही है. इसमें आयोध्या के उन सभी चुनिंदा मंदिरो की लिस्ट तैयार की गई है जिनका कायाकल्प किया जाना है. इसमें जानकीघाट, बड़ास्थान दशरथ महल, रामकचहरी, रंग महल जैसे पौराणिक मंदिर हैं. इसके लिए सरकार ने 68.80 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा भी कर दी है.
मंदिरों का होगा पुनरुद्धार
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समोरोह के जश्न यहां के हर मंदिर में देखने को मिलेगा. इस अवसर का इंतजार अयोध्या और अयोध्यावाशी काफी लंबे समय से कर रहें है. यहां के अन्य मंदिर जिसमें मंगलभवन, आचारी मंदिर, सियारामकिला झुनकीघाट, दिगंबर अखाड़ा, तिवारी मंदिर, तुलसी चौरा, छोटी देवकाली, करतलिया भजनाश्रम मंदिर आदि को भी प्रदेश सरकार नया आकार देने का प्रयास कर रही है.
मंदिरों का एतिहासिक महत्व
अयोध्या में कई मंदिर ऐसे है जिनका एतिहासिक महत्व उनता ही है. जिनता की रामलला के मुख्य मंदिर का है. इसमें दशरथमहल के बारे में मान्यता है कि नाम के अनुरूप यह वही स्थान है, जहां त्रेता युग में राजा दशरथ का महल था और महल के अंग के रूप में वह प्रसूति गृह था, जहां श्रीराम का जन्म हुआ था. जानकीघाट के बारे में मान्यता है कि जानकीघाट बड़ास्थान की स्थापना 250 वर्ष पहले करुणासिंधु के उपनाम से प्रसिद्ध उन रामशरणदास ने की थी, जिन्हें रामचरितमानस का प्रथम टीकाकार माना जााता है.