Trending Photos
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपीएससी (UPSC) के उम्मीदवारों की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है. ये उम्मीदवार कोविड-19 (Covid-19) के बीच अक्टूबर 2020 की परीक्षा में अपना लास्ट चांस पूरा कर चुके थे और सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination) में बैठने का एक और मौका चाहते थे.
यूपीएससी (UPSC) के उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका के मामले में शीर्ष अदालत ने 9 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया था कि वह यूपीएससी सिविल सेवा (UPSC Civil Services Examination) के उम्मीदवारों को उम्र संबंधी छूट राहत देने के पक्ष में नहीं है क्योंकि यह अन्य उम्मीदवारों के लिए भेदभावपूर्ण होगा. फैसले की घोषणा करते हुए जस्टिस इंदु मल्होत्रा और अजय रस्तोगी की खंडपीठ ने कहा कि याचिका खारिज की गई है. हालांकि, अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकील की प्रशंसा की.
बता दें, यूपीएससी (UPSC) के उम्मीदवार, महामारी के कारण जिनके पिछले अक्टूबर में परीक्षा में शामिल होने के प्रयास खत्म हो गए या उम्र संबंधी सीमा खत्म हो गई, ने शीर्ष अदालत से सरकार को उन्हें अतिरिक्त मौका प्रदान करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा था, 'इस महामारी के दौरान, अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जबकि सभी के पास 2020 में परीक्षा छोड़ कर अपने प्रयास को बचाने का विकल्प था, अंतिम मौका वालों को बिल्कुल भी कोई विकल्प नहीं दिया गया और परीक्षा की तैयारी के अवसर की कमी के बावजूद परीक्षा में बैठना पड़ा था.'
यह भी पढ़ें: 'दक्षिण बनाम उत्तर' पर घिरे Rahul Gandhi, Smriti Irani ने बताया- एहसान फरामोश
केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने जोर देकर कहा था कि सरकार जिन उमम्दीवारों की परीक्षा में बैठने के लिए उम्र समयसीमा खत्म हो चुकी है उनके प्रति अपना रुख नरम करने के लिए तैयार नहीं है और जोर देकर कहा कि ये न्यायालय के दायरे से परे नीतिगत मामले हैं. राजू ने कहा, 'यह वह परीक्षा नहीं है जहां आप अंतिम समय में तैयारी करते हैं. लोग सालों से इसकी तैयारी करते हैं.'
LIVE TV