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जम्मू: कांग्रेस (Congress) की अंदरूनी कलह एक बार फिर खुलकर सामने आ सकती है. उत्तर भारत से जुड़े पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जम्मू (Jammu) पहुंच गए हैं और माना जा रहा है कि आज वह राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान के विरोध में कोई बयान जारी कर सकते हैं.राहुल गांधी ने उत्तर-दक्षिण को लेकर बयान दिया था, जिससे पार्टी के ही कई नेता नाराज चल रहे हैं. कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं को G-23 के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने पिछले साल पत्र लिखकर कांग्रेस हाईकमान पर सवाल उठाए थे. यदि G-23 के नेता कोई कड़ा बयान जारी करते हैं, तो पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के लिए नई परेशानी खड़ी हो जाएगी.
जम्मू पहुंचने वाले नेताओं में गुलाम नबी आजाद, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल और राज बब्बर (Ghulam Nabi Azad, Bhupinder Singh Hooda, Kapil Sibal, and Raj Babbar) शामिल हैं. बताया जा रहा है कि मनीष तिवारी भी जम्मू पहुंच सकते हैं. नाम जाहिर न करने की शर्त पर कांग्रेस के G-23 में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि यह राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के लिए संदेश होगा. उन्होंने कहा कि हम देश को बताएंगे कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारत एक है.
कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने जिस तरह से तेवर दिखाए हैं उससे साफ है कि वह राहुल गांधी को फिर निशाना बनाने का मन बना चुके हैं. G-23 के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आज कांग्रेस में जो कुछ हो रहा है, वह पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक में हुई सहमति का उल्लंघन है. किसी सुधार या चुनाव के कोई संकेत नहीं हैं. बता दें कि पिछले साल G-23 के नेताओं ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखे खत में पार्टी के कामकाज को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी. इन नेताओं ने कांग्रेस के सांगठनिक चुनाव को तत्काल कराने सहित संगठन में जरूरी बदलाव की मांग भी की थी.
कहा जा रहा है कि असंतुष्ट नेता इस बात से भी नाराज हैं कि गुलाम नबी आजाद के साथ सम्मानपूर्ण व्यवहार नहीं हुआ. वह हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हुए लेकिन कांग्रेस हाई कमान ने उनके लिए कोई सम्मान नहीं दिखाया. पार्टी के एक नेता ने कहा कि जब दूसरी पार्टियां आजाद को सीट देने की पेशकश कर रही थीं, प्रधानमंत्री उनकी तारीफ कर रहे थे तब कांग्रेस के नेतृत्व ने उनके प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया. जबकि रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) के लिए केस लड़ने वाले एक वकील को राज्यसभा पहुंचा दिया गया.
असंतुष्ट नेताओं के समूह में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने एएनआई को बताया कि राहुल गांधी की तरफ से केरल में हाल ही में दिए गए उत्तर-दक्षिण बयान से चीजें और बिगड़ी हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के असंतुष्ट नेता जम्मू में अपने मन की बात कहेंगे, एक दूसरे के प्रति एकजुटता का इजहार करेंगे और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को कड़ा संदेश देंगे. वहीं, सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी असंतुष्ट नेताओं के इस संभावित कदम से वाकिफ हैं. पार्टी नेतृत्व पूरे मामले पर निगाह रखे हुए है और जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहता.
वायनाड के दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को तिरुवनंतपुरम में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘पहले के 15 साल मैं उत्तर भारत से सांसद था. मुझे वहां दूसरी तरह की राजनीति का सामना करना पड़ता था. केरल आना मेरे लिए ताजगी भरा रहा, क्योंकि यहां के लोग मुद्दों की राजनीति करते हैं. खास बात यह है कि यहां के लोग सिर्फ सतही नहीं, बल्कि मुद्दों की तह तक जाते हैं’. राहुल के इस बयान से देश में उत्तर बनाम दक्षिण बहस छिड़ गई है.