स्टडी में कहा गया है कि भारतीय माता-पिता अपने बच्चों के मोबाइल फोन (Mobile Phone) के अत्यधिक उपयोग या गोपनीयता (Privacy) और स्मार्टफोन की सुरक्षा के बारे में अधिक चिंतित थे.
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वाशिंगटन : गूगल द्वारा किए गए एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार, अच्छी सेल्फी (Selfie) लेने के लिए अमेरिका (USA) और भारत (India) में ‘फिल्टर’ यानी तस्वीर को सुंदर बनाने की टेक्नीक का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है.
'दिखावे की आदत'
अध्ययन के अनुसार ‘एंड्रॉयड’ फोन के ‘फ्रंट कैमरे’ से 70 प्रतिशत से अधिक तस्वीरें ली जाती है. भारतीयों में सेल्फी लेने और उसे दूसरे लोगों से साझा करने का काफी चलन है और खुद को सुंदर दिखाने के लिए वे ‘फिल्टर’ को एक उपयोगी तरीका मानते हैं.
महिलाओं में ज्यादा क्रेज
स्टडी में कहा गया, ‘भारतीय महिलाएं, खासकर अपनी तस्वीरों को सुंदर बनाने के लिए उत्साहित रहती हैं और इसके लिए वे कई ‘फिल्टर एप’ तथा ‘एडिटिंग टूल’ का इस्तेमाल करती हैं. इसके लिए ‘पिक्स आर्ट’ तथा ‘मेकअप प्लस’ का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है. वहीं अधिकतर युवा ‘स्नैपचैट’ का इस्तेमाल करती हैं.’
उन्होंने कहा, ‘सेल्फी लेना और साझा करना भारतीय महिलाओं के जीवन का इतना बड़ा हिस्सा है कि यह उनके व्यवहार और यहां तक कि घरेलू अर्थशास्त्र को भी प्रभावित करता है. कई महिलाओं ने कहा कि अगर उन्हें सेल्फी लेनी होती है तो वे इसके लिए पहने कपड़े दोबारा नहीं पहनती.’
तेजी से बढ़ा ट्रेंड
अध्ययन के अनुसार भारतीय पुरुष भी सेल्फी लेने और ‘फिल्टर’ का इस्तेमाल करने में पीछे नहीं हैं, लेकिन वे खुद कैसे दिख रहे हैं, उससे अधिक तस्वीर के पीछे की कहानी पर अधिक ध्यान देते हैं.
भारतीय अभिभावकों ने वहीं बच्चों पर ‘फिल्टर’ के असर को लेकर अधिक चिंता व्यक्त नहीं की. वे बच्चों के ‘फिल्टर’ के इस्तेमाल को लेकर उनका रवैया बेहद सहज था और इसे वह एक मौज-मस्ती की गतिविधी के तरह देखते हैं.
स्टडी में कहा गया है कि भारतीय माता-पिता अपने बच्चों के मोबाइल फोन (Mobile Phone) के अत्यधिक उपयोग या गोपनीयता (Privacy) और स्मार्टफोन की सुरक्षा के बारे में अधिक चिंतित थे.
(इनपुट भाषा से)
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