Uttarkashi Tunnel rescue update : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सुरंग धंसने से 41 जिंदगियां करीब एक हफ्ते से फंसी हुई हैं. उन्हें बाहर निकालने के लिए कई कोशिशें की गईं लेकिन अब तक नतीजा नहीं निकल पाया है.
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Uttarkashi tunnel collapse: उत्तरकाशी जिले की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को करीब 7 दिन का वक्त बीत चुका है. 41 जिंदगियों को बचाने की मैराथन कोशिश और परिजनों और अन्य मजदूरों की नाराजगी के बीच एक नक्शा सामने आया है जो इस सुरंग को बनाने वाली कंपनी पर कथित तौर पर बड़ा गंभीर आरोप लगा रहा है. अब कोई इसे कंपनी की गंभीर चूक बता रहा है तो कोई इसे जानलेवा लापरवाही करार दे रहा है.
Emergency Exit Gate क्यों नहीं बनाया?
देश में वर्तमान में चल रहे सभी प्रोजेक्ट्स में कुछ तकनीति बातों का खास ध्यान रखा जाता है. ऐसे कामों में यानी पहाड़ों में सुरंग बनाते समय मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन किया जाता है. जिसके मुताबिक, 3 किलोमीटर से अधिक लंबी सभी सुरंगों में इमरजेंसी की स्थिति यानी आपात परिस्थितियों में लोगों को बचने के लिए बाहर निकलने भागने का रास्ता जरूर होना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस नक्शे से पता चला है कि इस 4.5 किलोमीटर लंबी सिल्कयारा सुरंग के प्लान में भी बचकर निकलने के लिए एक मार्ग (Emergency Exit Gate) बनाया जाना था, लेकिन यह रास्ता बनाया ही नहीं गया.
एक्जिट गेट की अहमियत को समझिए
इस तरह के बचाव मार्गों का उपयोग सुरंगों के निर्माण के बाद भी किया जाता है. ताकि सुरंग के किसी हिस्से के ढहने, भूस्खलन या किसी अन्य आपदा की स्थिति के दौरान वाहनों में फंसे लोगों को ऐसे रास्ते के जरिए सुरक्षित निकाला जा सकता है.
ऐसे हुआ खुलासा
रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरंग का यह नक्शा तब सामने आया जब केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने गुरुवार को प्रभावित इलाके का दौरा किया. हालांकि तब उन्होंने कहा था कि मजदूरों को दो-तीन दिनों या शुक्रवार तक बचा लिया जाएगा. हालांकि सरकार अप्रत्याशित कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए लंबी समयसीमा तय कर रही है.