VPS Delhi: इस स्कूल ने 'कलावा' पहनने पर छात्रों को किया निलंबित? दिल्ली पुलिस ने दिया जवाब
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VPS Delhi: इस स्कूल ने 'कलावा' पहनने पर छात्रों को किया निलंबित? दिल्ली पुलिस ने दिया जवाब

Delhi News: दिल्ली पुलिस ने बाद में कहा कि उन्होंने मामले की जांच की लेकिन स्कूल के खिलाफ कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं आया. वनस्थली पब्लिक स्कूल ने भी इस घटना से इनकार करते हुए कहा कि स्कूल प्रशासन को अभिभावकों से इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है. 

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VPS School Viral video fact check: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और वनस्थली पब्लिक स्कूल मयूर विहार फेज-3  (vanasthali public school mayur vihar) ने कथित तौर पर 'कलावा' (हिंदू पवित्र धागा) पहनने के लिए कुछ छात्रों को निलंबित किए जाने की घटना से इनकार किया है. इस बात का दावा करने वाले कई वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई लोगों द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो के बाद पुलिस हरकत में आई. घटना की सत्यता जांचने के लिए एक टीम गठित की गई है.

दिल्ली पुलिस का बयान

दिल्ली पुलिस ने बाद में कहा कि उन्होंने मामले की जांच की लेकिन स्कूल के खिलाफ कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं आया. वनस्थली पब्लिक स्कूल ने भी इस घटना से इनकार करते हुए कहा कि स्कूल प्रशासन को अभिभावकों से इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है. स्कूल प्रशासन द्वारा जारी पत्र में कहा गया है, हमने किसी भी छात्र को निलंबित नहीं किया है. यह खबर झूठी है. पुलिस ने कहा कि अगर कोई उनके पास आएगा तो वह इस मामले में पूछताछ करेगी.

फेक न्यूज शेयर करने वालों ने साधी चुप्पी

आपको बताते चलें कि पुलिस की जांच में स्कूल मैनेजमेंट से पूछताछ के बाद ये दावा और वीडियो दोनो फर्जी साबित हुए हैं. इस बीच जब वीडियो साझा करने वाले लोगों से संपर्क किया गया, लेकिन वे इस मामले पर किसी भी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे.

राष्ट्रपति और सीजेआई जता चुके हैं चिंता

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर आए दिन अपुष्ट वीडियो (Fake Video) और फर्जी खबरें वायरल होती रहती है. जिनसे निपटने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों और सरकार ने कई कानून और प्रावधान बनाए लेकिन इस पर रोक नहीं लगाई जा सकी है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी फेक न्यूज़ पर चिंता जता चुकी हैं. कुछ समय पहले उन्होंने भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया के दौर में सूचनाओं के व्यापक और त्वरित प्रसार के साथ तेजी से फैलने वाली फेक न्यूज की चुनौती भी सामने आई है, इससने निपटने की जिम्मेदारी IAS अधिकारियों को लेनी होगी.

वहीं देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भी फेक न्यूज़ पर चिंता जता चुके हैं. उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज जिस रफ्तार से फैलती है, उसके चलते सच्चाई विक्टिम बन गई है. 

इनपुट: IANS

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