रेणुका ने अपने विदाई भाषण में कहा कि कई लोग मेरे वजन को लेकर चिंता जताते हैं लेकिन इस राजनीति में आपको अपना वजन (प्रभाव) दिखाना पड़ता है.
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नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को कई सदस्य उस समय अपनी हंसी नहीं रोक पाए जब सभापति एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस सदस्य रेणुका चौधरी से कहा कि उन्हें अपना वजन कम करना चाहिए तथा अपनी पार्टी का वजन बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए. राज्यसभा ने करीब 60 सदस्यों को विदाई दी जो सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इस मौके पर सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों ने अपना विदाई भाषण दिया.
रेणुका ने अपने विदाई भाषण में कहा कि नायडू उन्हें उस समय से जानते हैं, जब उनका (रेणुका) का वजन काफी कम था. उन्होंने कहा कि कई लोग मेरे वजन को लेकर चिंता जताते हैं लेकिन इस क्षेत्र (राजनीति) में आपको अपना वजन (प्रभाव) दिखाना पड़ता है. अपनी त्वरित छोटी टिप्पणियों के लिए मशहूर नायडू ने इस पर कहा, ‘‘मेरा सरल सुझाव है कि आप अपना वजन कम करें और पार्टी का वजन (प्रभाव) बढ़ाने के लिए प्रयास करें.’’ उनकी इस टिप्पणी पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा. रेणुका ने कहा कि वह, शाहबानो से लेकर सूर्पनखा तक, इस सदन में कई इतिहास बनने की गवाह रही हैं.
'संसद में न्यायपालिका पर चर्चा क्यों नहीं होती'
रास सदन के नेता अरुण जेटली ने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के बेहतर भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि यह अवसर पुरानी यादों में खोने का है. उन्होंने सदन के कामकाज और चर्चाओं में योगदान देने के लिए राकांपा के डी पी त्रिपाठी, माकपा के तपनकुमार सेन का विशेष तौर पर जिक्र किया. उन्होंने सपा के नरेश अग्रवाल एवं कांग्रेस के राजीव शुक्ला का भी उल्लेख किया. शुक्ला ने अपने विदाई भाषण में कहा कि उन्हें उच्च सदन में सदस्य एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री के तौर पर काम करने का अनुभव प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी ने उन्हें सलाह दी थी कि संसदीय कार्य राज्य मंत्री को सत्ता पक्ष की बजाय विपक्षी सदस्यों की दीर्घा में अधिक दिखायी देना चाहिए. राकांपा के डी पी त्रिपाठी ने सदन में अपने अनुभवों की चर्चा करते हुए इस बात पर अफसोस जताया कि संसद में न्यायपालिका, सेक्स आदि विषयों पर चर्चा क्यों नहीं होती है. उन्होंने सभापति से कहा कि जो सदस्य आसन के समक्ष नहीं जाते, आसन को उनका विशेष ध्यान रखना चाहिए.
'व्यक्तिगत चरित्र हनन नहीं होना चाहिए'
तृणमूल कांग्रेस के विवेक गुप्ता ने कहा कि इस सदन में जो भी सदस्य आता है, वह देश के 130 करोड़ लोगों की आशाओं एवं आकांक्षाओं को लेकर आता है. उन्होंने कहा कि सदन में चर्चा के दौरान व्यक्तिगत प्रहार एवं चरित्र हनन नहीं होना चाहिए. भाजपा के बासवाराज पाटिल ने कहा कि हमारी संसद के उच्च सदन को इतने बेहतर ढंग से काम करना चाहिए कि यह न केवल 130 करोड़ लोगों बल्कि विश्वभर के 650 करोड़ लोगों का मार्गदर्शन कर सके. कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने कहा कि उन्हें संसद के दोनों सदनों में 32 साल तक रहने का अवसर मिला. इस दौरान उन्हें बहुत ही स्नेह और सम्मान मिला तथा काफी कुछ सीखने को भी मिला. कांग्रेस के ही के रहमान खान ने कहा कि हमें आज इस बात पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए कि सदन में व्यवधान क्यों उत्पन्न होता है? उन्होंने कहा कि सदन का यह प्रयास होना चाहिए कि लगभग हर विधेयक संबंधित संसदीय समिति की समीक्षा से गुजरे. सपा के किरणमय नंदा, कांग्रेस के आनंद भास्कर रापोलू, नरेन्द्र बुढ़ानिया, रजनी पाटिल, शादीलाल बत्रा भाजपा के ला गणेशन, रंगसायी रामकृष्णन, अजय संचेती, सपा के आलोक कुमार तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के कुणाल कुमार घोष ने भी सदन के अपने अनुभवों को साझा किया.