Kargil Aircraft Night Landing: इस लैंडिंग के साथ ही लद्दाख में तीसरी एयरस्ट्रिप पर रात और दिन हर समय सैनिक कार्रवाइयां करने की क्षमता हासिल हो गई है.
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Kargil Aircraft Night Landing News: भारतीय सेना चीन की सीमा पर अपनी सैनिक क्षमताओं में लगातार बढ़ोतरी कर रही है. वायुसेना ने पहली बार कारगिल में रात के समय एयरक्राफ्ट की लैंडिंग की और उसमें सवार गरुड़ कमांडो ने अंधेरे में उतरकर कार्रवाई करने का अभ्यास किया.
इस लैंडिंग के साथ ही लद्दाख में तीसरी एयरस्ट्रिप पर रात और दिन हर समय सैनिक कार्रवाइयां करने की क्षमता हासिल हो गई है. दूसरी तरफ भारतीय सेना अपने सैनिकों के लिए भीषण सर्दी में काम आने वाले छोटे टैंट खरीद रही है.
C130J की कामयाब लैंडिंग
भारतीय वायुसेना ने दिसंबर के आखिरी हफ्ते में लद्दाख के कारगिल में रात के समय C130J की कामयाब लैंडिंग की. बहुत ऊंचाई, पहाड़ी इलाके के बावजूद इस तरह की लैंडिंग करना भारतीय सेनाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
In a first, an IAF C-130 J aircraft recently carried out a night landing at the Kargil airstrip. Employing terrain masking enroute, the exercise also dovetailed a training mission of the Garuds.#SakshamSashaktAtmanirbhar pic.twitter.com/MNwLzaQDz7
— Indian Air Force (@IAF_MCC) January 7, 2024
इससे पहले लद्दाख में लेह के अलावा सियाचिन ग्लेशियर के पास थोइस एयरस्ट्रिप पर ही दिन-रात लैंडिंग की सुविधा थी. इस लैंडिंग के बाद सियाचिन को देश से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण राजमार्ग पर लेह और श्रीनगर के बीच एक अतिरिक्त एयरस्ट्रिप पर भी रात में लैंडिंग की सुविधा हो गई है.
1999 में पाकिस्तान ने इसी राजमार्ग को काटने के लिए घुसपैठियों के साथ पहाड़ियों पर कब्ज़ा कर लिया था जिसे छुड़ाने के लिए लगभग 2 महीने तक कारगिल संघर्ष चला था.
चीन जिस तरह से सीमा के पास अपनी सैनिक तैयारियां जारी रखे हुए है उसका मुक़ाबला करने के लिए भारत ने खासतौर पर पूरी उत्तरी सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के काम का तेज कर दिया है. लद्दाख में सीमा के पास न्यौमा एयरस्ट्रिप को तैयार करने का काम भी पिछले साल शुरू हुआ है.
सैनिकों के लिए खास तरह के टैंट खरीद रही सेना
दूसरी तरफ पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच मोर्चेबंदी पिछले 3 साल से जारी है और 50 हजार भारतीय सैनिक लगातार भीषण सर्दी में सीमा पर तैनात हैं. इन सैनिकों के रहने के लिए सेना ने खास तरह टैंटों की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
ये छोटे टैंट (PUP TENTS) 2 से 4 सैनिकों के रहने के लिए पर्याप्त हैं और इन्हें लाना ले जाना आसान है. ये टैंट लंबी दूरी की गश्त में या दूरदराज की चौकियों में तैनात सैनिकों के लिए बहुत मददगार होंगे. पूर्वी लद्दाख में जहां सर्दियों में तापमान शून्य से 40 डिग्री तक कम हो जाता है वहां इस तरह के खास टैंटों की बहुत ज्यादा ज़रूरत होती है. ट
मई 2020 में चीन के साथ मोर्चेबंदी शुरू होने के बाद से ही भारतीय सेना ने इतनी सर्दी में तैनाती के लिए खास कपड़े और उपकरणों की खरीद शुरू की थी.