भारतीय रेलवे द्निया की सबसे ऊंची रेलवे लाइन बिछाने जा रहा है. इस रेलवे लाइन की मदद से चीन के बॉर्डर तक पहुंचना आसान हो जाएगा.
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नई दिल्ली: भारतीय रेलवे द्निया की सबसे ऊंची रेलवे लाइन बिछाने जा रहा है. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह रेलवे लाइन है न्यू बिलासपुर-मनाली रेलवे लाइन जो कि विश्व की सबसे ऊंची रेलवे लाइन होगी. इससे हिमाचल और कश्मीर में पर्यटन बढ़ेगा और दिल्ली-लेह की यात्रा आधे समय में पूरी होगी. इस रेलवे लाइन की मदद से चीन के बॉर्डर तक पहुंचना आसान हो जाएगा.
यह रेलवे ट्रैक न केवल जम्मू एवं कश्मीर और हिमाचल में विकास लेकर आएगा बल्कि इससे पर्यटन को बल मिलेगा. इस लाइन के बन जाने से दिल्ली-लेह के बीच की यात्रा 40 घंटे के बजाय 20 घंटे में पूरी होगी. यह सिंगल ट्रैक 465 किमी लंबी होगी. 75 किमी प्रतिंघटे की रफ्तार से इस पर गाड़ियां दौड़ेंगी. इस ट्रैक पर 30 रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं. इस ट्रैक पर सबसे लंबी सुरंग 27.4 किमी की होगी जबकि सुरंग की कुल लंबाई 244 किमी होगी. इस ट्रैक पर 124 बड़े पुल और 396 छोटे पुल बनेंगे. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 83,360 करोड़ होगी.
इस रेलवे लाइन के लिए पहले चरण का सर्वे पूरा हो चुका है. फाइनल सर्वे मार्च 2019 तक पूरा होगा तभी स्थिति और साफ होगी. इस प्रोजेक्ट को भारतीय रेलवे का सबसे मुश्किल प्रोजेक्ट माना जा रहा है. इस रेल लाइन के बन जाने से सशस्त्र बलों को चीन बॉर्डर तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी. इस क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास भी होगा.
465 किमी लंबी इस रेल लाइन के 52% हिस्से में ट्रेन सुरंग से गुजरेगी. इस रेल लाइन में सुरंग के भीतर देश का पहली बार रेलवे स्टेशन बनेगा. केलॉन्ग देश का पहला रेलवे स्टेशन होगा जो कि हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत आता है. इसके अलावा भी इस रेल रूट पर सुरंग में कई अन्य स्टेशन होंगे.
रेलवे का विकास, देश का विकासः सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रेलवे द्वारा बनाई जा रही न्यू बिलासपुर-मनाली रेलवे लाइन विश्व की सबसे ऊंची रेलवे लाइन होगी, इससे हिमाचल और कश्मीर में पर्यटन बढेगा और दिल्ली-लेह की यात्रा आधे समय में पूरी होगी। #ForTheFirstTime https://t.co/LOQFtfFIfs pic.twitter.com/FSf7uzN6Va
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 8, 2019
इस रेलवे लाइन के लिए पहले चरण का सर्वे पूरा हो चुका है. अगले चरण के सर्वे में स्थिति और साफ होगी. मनाली से 26 किमी उत्तर में केलॉन्ग, लाहौल और स्पीति जिले का प्रशासनिक केंद्र है. यहां से भारत-तिब्बत सीमा 120 किमी दूर है. इस रेलवे लाइन की ऊंचाई समुद्र तल से 5,360 मीटर तक होगी. वर्तमान में चीन में तिब्बत तक बिछाई गई पटरी की ऊंचाई सबसे ज्यादा है. यह समुद्र तल से 2,000 मीटर की ऊंचाई पर है. रेलवे ने 2022 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का टारगेट रखा है.