मंगलवार को फ्रांस के इस्त्रे-ले-ट्यूब एयरबेस पर भारतीय वायुसेना को मिलने वाले राफेल लड़ाकू विमान के बेड़े में से पहले विमान का परीक्षण किया गया है.
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नई दिल्ली : भारत को मिलने वाले जिस राफेल विमान को लेकर फ्रांस तक घमासान मचा हुआ है, उसने आज वहां अपनी पहली उड़ान भरी है. मंगलवार को फ्रांस के इस्त्रे-ले-ट्यूब एयरबेस पर भारतीय वायुसेना को मिलने वाले राफेल लड़ाकू विमान के बेड़े में से पहले विमान का परीक्षण किया गया है. इस दौरान राफेल को रनवे पर उतारा गया और उसके विभिन्न परीक्षण किए गए. अंत में इस शक्तिशाली विमान ने पहली उड़ान भरी.
#Visuals: First look of the #Rafale jet for the Indian Air Force, from the Istre-Le Tube airbase in France pic.twitter.com/Qv4aJdgjI7
— ANI (@ANI) November 13, 2018
मंगलवार को फ्रांस के इस्त्रे-ले-ट्यूब एयरबेस पर राफेल के इंजन का परीक्षण किया गया. साथ ही इसके सस्पेंशन सिस्टम और टायरों को भी परखा गया. इसके बाद इसकी तकनीकी प्रणाली की भी जांच की गई. तकनीकीकर्मियों और इंजीनियरों की देखरेख में अंत में राफेल ने आसमान में उड़ान भरी.
बेहद शक्तिशाली है राफेल :
1. राफेल विमान एक बार में करीब 26 टन (26 हजार किलोग्राम) वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम है.
2. यह विमान 3,700 किलोमीटर के रेडियस में कहीं भी हमला करने में सक्षम है.
3. यह 36 हजार से 60 हजार फीट की अधिकतम ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और यहां तक महज एक मिनट में पहुंच सकता है.
4. इसमें एक बार ईंधन भरने पर यह लगातार 10 घंटे की उड़ान भर सकता है.
5. इस विमान से हवा से जमीन और हवा से हवा में दोनों में हमला किया जा सकता है.
6. राफेल पर लगी गन एक मिनट में 125 फायर करने में सक्षम है और यह हर मौसम में लंबी दूरी के खतरे को भांप लेता है.
दसॉल्ट एविएशन के सीईओ नेे दी सफाई
बता दें कि राफेल जेट डील में ऑफसेट समझौते के लिए दसॉल्ट-रिलायंस संयुक्त उपक्रम के मसले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि इस मुद्दे पर दसॉल्ट एविएशन के सीईओ ने झूठ बोला. इस पर अब सफाई देते हुए सीईओ एरिक ट्रेपियर ने न्यूज एजेंसी ANI से खास बातचीत में कहा, ''मैं झूठ नहीं बोलता. मैंने इससे पहले जो घोषणा और बयान दिया था, वे सच हैं. मेरी छवि झूठ बोलने वाले व्यक्ति की नहीं है. मेरी जैसी पोजीशन वाला सीईओ झूठ नहीं बोलता.''