सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे एनकाउंटर मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान कमीशन का गठन किया. ये कमीशन दो महीने के अंदर एनकाउंटर की जांच पूरी करके रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगा.
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नई दिल्ली: विकास दुबे एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा बनाए गए जांच आयोग में पूर्व डीजीपी के. एल. गुप्ता को शामिल किए जाने के खिलाफ शुक्रवार को याचिका दाखिल की गई. याचिका में मांग की गई है कि उनकी जगह किसी और को कमेटी में शामिल किया जाए क्योंकि के. एल. गुप्ता पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो सकते हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे एनकाउंटर मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान कमीशन का गठन किया. ये कमीशन दो महीने के अंदर एनकाउंटर की जांच पूरी करके रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगा. वहीं एनकाउंटर की जांच कर रही कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान करेंगे. इस कमेटी में उनके साथ पूर्व डीजीपी के. एल. गुप्ता भी होंगे.
बताते चलें कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान को कमेटी में शामिल किया जा सकता है, चौहान ने कमेटी में शामिल होने पर सहमति भी जताई है. इस दौरान मेहता ने पूर्व DGP के. एल. गुप्ता का नाम भी कोर्ट को सुझाया था.
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वहीं याचिकाकर्ता अनूप अवस्थी ने पूर्व हाई कोर्ट जज शशिकांत अग्रवाल को कमेटी में शामिल ना करने पर आपत्ति जताई. जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा, 'मैंने भी जस्टिस चौहान के साथ कई मामलों की सुनवाई की है, मैं भी उनके नाम का सुझाव देता'.
इस पर याचिककर्ता ने कहा कि मुझे जस्टिस चौहान पर पूरा भरोसा है लेकिन अभी चुने गए हाई कोर्ट जज के बदले किसी दूसरे हाई कोर्ट के जज को कमेटी में शामिल किया जाना चाहिए.