SC का यूपी सरकार से तीखा सवाल- हैदराबाद एनकाउंटर से कैसे अलग विकास दुबे का मामला?
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SC का यूपी सरकार से तीखा सवाल- हैदराबाद एनकाउंटर से कैसे अलग विकास दुबे का मामला?

बीते 10 जुलाई को कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर लेकर आते वक्त उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शहर से लगभग 18 किलोमीटर दूर बारा पुलिस सर्किल में भौती के पास मुठभेड़ में मार गिराया था.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में विकास दुबे एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) की सीबीआई, एनआईए या एसआईटी से जांच की मांग वाली याचिकाओं पर आज सोमवार को सुनवाई हुई. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपना जवाब कोर्ट में दाखिल कर दिया और विकास दुबे के एनकाउंटर को सही बताया है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यूपी सरकार का पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच चल रही है. विकास दुबे 65 FIR वाला कुख्यात गैंगस्टर था जो इन दिनों परोल पर बाहर था.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बोबडे ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि ये विकास दुबे का मामला हैदराबाद एनकाउंटर से किस तरह से अलग है. कानून व्यवस्था कायम करना राज्य की जिम्मेदारी होती है. आप हमको मत बताइए कि विकास दुबे क्या था.

फिर चीफ जस्टिस ने पूछा कि विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए एक न्यायिक कमिटी बनाई है. क्या यूपी सरकार उसमें सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को जोड़ने पर सहमत है?

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आप जो उचित समझें. बता दें कि याचिकाकर्ता का कहना है कि साल 2017 से उत्तर प्रदेश में 1,700 से ज्यादा एनकाउंटर हुए. याचिकाकर्ता ने मामले की सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच करवाने की मांग की है.

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सुनवाई के दौरान यूपी डीजीपी की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि विकास दुबे के एनकाउंटर का मामला तेलगांना एनकाउंटर से अलग है. पुलिसकर्मियों के भी मौलिक अधिकार होते हैं. जब पुलिस कुख्यात अपराधी के साथ मुठभेड़ कर रही हो तो क्या उस पर ज्यादा बल प्रयोग करने का आरोप लगा सकते हैं. विकास दुबे पुलिसकर्मियों हत्यारा था.

बीते 10 जुलाई को कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर लेकर आते वक्त उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शहर से लगभग 18 किलोमीटर दूर बारा पुलिस सर्किल में भौती के पास मुठभेड़ में मार गिराया था. विकास सड़क दुर्घटना का फायदा उठाकर एक पुलिसवाले की पिस्टल छीनकर भागने के प्रयास में था.

आपको बता दें कि विकास दुबे के एनकाउंटर को फर्जी एनकाउंटर बताकर इसकी जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हुई हैं. बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से विकास दुबे के एनकाउंटर के मामले में राजनेताओं और पुलिस की कथित सांठगांठ की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.

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