Who is Vishnu Dev Sai: विष्णुदेव साय साल 2020 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने थे. वह सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा वह RSS और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी भी हैं.
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Chhattisgarh New CM: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पर सस्पेंस खत्म हो गया है. बीजेपी विधायक दल की बैठक में छत्तीसगढ़ की कमान विष्णुदेव साय को सौंपी गई है. आदिवासी समाज से आने वाले विष्णुदेव साय साल 1980 में बीजेपी में शामिल हुए थे. विष्णुदेव छत्तीसगढ़ की कुनकुरी विधानसभा से हैं. राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी सबसे ज्यादा है.
कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी किसी आदिवासी चेहरे पर दांव लगा सकती है, जो सही साबित हुआ. विष्णुदेव साय साल 2020 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने थे. वह सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा वह RSS और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी भी हैं. 21 फरवरी 1964 को जशपुर में विष्णुदेव साय का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वह केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री थे. 16वीं लोकसभा में वह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से जीतकर सांसद बने थे.
विष्णुदेव साय का सफर
साल 1990-98 तक वह दो बार विधायक रहे. इसके बाद 1999 से 2014 तक सांसद बने. सांसद रहते हुए वह कई कमेटी और पदों पर रहे. पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 1980 में बगिया से निर्विरोध सरपंच का चुनाव जीत गए. इसके बाद उन्होंने साल 1990 में पहली बार प्रॉपर्टी का कुछ हिस्सा बेचकर विधायक का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
बीजेपी ने पहले ही कह दिया था कि आदिवासी समुदाय को उचित सम्मान दिया जाएगा. चुनाव के नतीजे आने के बाद रेस में कई नेताओं का नाम चल रहा था. लेकिन अब सस्पेंस खत्म हो चुका है. बीते दिनों विष्णुदेव साय की सिक्योरिटी भी बढ़ा दी गई थी. छत्तीसगढ़ में अजित जोगी के बाद विष्णुदेव साय दूसरे आदिवासी मुख्यमंत्री होंगे. छत्तीसगढ़ में विधायक दल की बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल, दुष्यंत कुमार गौतम और छत्तीसगढ़ के बीजेपी प्रभारी ओम माथुर मौजूद थे.
सुबह 9 बजे बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक रायपुर पहुंचे और उन्होंने सीएम के नाम पर बीजेपी विधायकों के साथ मंथन किया, जिसमें विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगी. पहले ये भी कहा जा रहा था कि बीजेपी किसी महिला को भी मौका दे सकती है. इस कड़ी में सरोज पांडेय का नाम भी आगे था. लेकिन बीजेपी ने आदिवासी चेहरे विष्णुदेव साय पर दांव खेला.