पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के बाद भी केंद्र सरकार और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) में टकराव जारी है. अब ताजा टकराव मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandopadhyay) को लेकर शुरू हो गया है.
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के बाद भी केंद्र सरकार और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) में टकराव जारी है. यास तूफान (Cyclone Yaas) के मुद्दे पर शुक्रवार को पीएम के साथ हुई मीटिंग में सीएम ममता बनर्जी आधे घंटे की देरी से पहुंची. इसके कुछ घंटे बाद ही केंद्र ने बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के लिए आदेश जारी कर दिए.
बताते चलें कि अलपन बंदोपाध्याय का पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के रूप में कार्यकाल 31 मई को खत्म हो रहा था. उससे पहले ही ममता सरकार ने तीन महीने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया. अलपन बंदोपाध्याय को ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का करीबी माना जाता रहा है.
केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandopadhyay) को अब केंद्र में नई जिम्मेदारी दी जाएगी. उन्हें 31 मई की सुबह 10 बजे से पहले रिपोर्ट करना है. केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार से उन्हें जल्द से जल्द रिलीव करने का अनुरोध किया है.
अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandopadhyay) 1987 बैच के आईएएस अफसर हैं. वे हावड़ा समेत कई जिलों के डीएम भी रह चुके हैं. उन्हें पिछले साल सितंबर में राजीव सिन्हा के रिटायर्ड होने के बाद पश्चिम बंगाल का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था.
उधर यास तूफान पर हुई पीएम की मीटिंग में समय पर न पहुंचने पर बीजेपी नेताओं ने सीएम ममता बनर्जी की आलोचना की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ममता के व्यवहार को पीड़ादायक बताया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘आपदा काल में बंगाल की जनता को सहायता देने के भाव से आए हुए प्रधानमंत्री के साथ इस प्रकार का व्यवहार पीड़ादायक है. यह भारतीय संघीय व्यवस्था की मूल भावना को भी आहत करने वाला है.’
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि ममता दीदी (Mamata Banerjee) का आज का व्यवहार दुर्भाग्यपूण रहा. उन्होंने कहा, ‘चक्रवात यास ने कई आम नागरिकों को प्रभावित किया है और समय की मांग है कि प्रभावितों की मदद की जाए. दुखद है कि दीदी ने लोक कल्याण से ऊपर अपने अहम को रखा और आज का उनका व्यवहार यही परिलक्षित करता है.’
वहीं बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट करके कहा, ‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवात यास के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं तो उचित होता कि ममता जी (Mamata Banerjee) लोगों के कल्याण के लिए अपने अहम को विसर्जित कर देतीं. प्रधानमंत्री की बैठक से उनका नदारद होना संवैधानिक मर्यादाओं और सहकारी संघवाद की हत्या है.’
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज का दिन भारत की लोकतांत्रिक धरोहर में एक एक काला दिन है.
उधर सीएम ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान ‘यास’ से हुए नुकसान पर प्रधानमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपी. साथ ही प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की. एक अधिकारी ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच यह बैठक लगभग 15 मिनट चली.
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बताते चलें कि पिछले कुछ सालों में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और केंद्र सरकार के रिश्तों में कड़वाहट आई है. मुख्यमंत्री केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का अक्सर आरोप लगाती रही हैं. वहीं बीजेपी उनके आरोपों को खारिज करती रही है. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी और बनर्जी के बयानों में बेहद तल्खी देखी गई थी. (इनपुट एजेंसी)
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