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नई दिल्ली: आपने कभी ना कभी ट्रेन में सफर जरूर किया होगा. रेलवे टिकट भी लिया होगा. लेकिन शायद ही किसी का ध्यान टिकट पर लिखे उन नंबरों पर जाता होगा, जो असल में बड़े काम के होते हैं. ये वही नंबर हैं जो हर पैसेंजर को बताते हैं कि उनका टिकट कन्फर्म हो गया है या अभी वेटिंग में है. आज इन्हीं नंबरों की जानकारी आपको देने के लिए हमने ये खबर तैयार की है. आइए जानते हैं क्या है इन कोड्स का मतलब.
जब भी कोई पैसेंजर रेलवे के टिकट का रिजर्वेशन कराता है तो उसे एक यूनिक पीएनआर नंबर दिया जाता है. ये टिकट के सबसे ऊपर लेफ्ट साइड में बने एक बॉक्स में लिखा होता है. इस नंबर की मदद से आप अपने टिकट की डिटेल्स जैसे कोच, सीट नंबर और किराए की जानकारी आदि जान सकते हैं. टीसी भी इसी नंबर की मदद से आपके टिकट और सीट रिजर्व होने की पुष्टि करता है.
टिकट पर लिखे इस शार्ट फॉर्म का मतलब 'जनरल वेटिंग लिस्ट' होता है. टिकट में यह तब लिखा जाता है, जब कोई यात्री किसी प्रारंभिक स्टेशन से या उसके आसपास के स्टेशनों से यात्रा शुरू करता है. वेटिंग लिस्ट में इसे सबसे सामान्य श्रेणी में रखा गया है. इसमें यात्री की टिकट कंफर्म होने की सबसे ज्यादा संभावना होती है.
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यह तब लिखा जाता है जब दो बड़े स्टेशनों के बीच कोई ऐसा स्टेशन जहां से अधिक ट्रेनें मौजूद ना हों, ऐसी स्थिति में वहां के यात्री को किसी के टिकट कैंसलेशन पर पहले सीट दी जाएगी. तो मतलब आपकी टिकट कंफर्म की जिम्मेदारी दूसके के कैंसलेशन पर ही निर्भर करती है. इसमें टिकट कंफर्म की संभावना कम ही होती है.
पहले इसका नाम CKWL था. लेकिन साल 2016 के बाद इसे बदलकर TQWL कर दिया गया, जिसका मतलब 'तत्काल कोटा वेटिंग लिस्ट' होता है. इसमें आपका टिकट तब कंफर्म होगा जब तत्काल सूची का टिकट कैंसिल होता है. इस श्रेणी में आपको RAC का ऑप्शन भी नहीं मिलता है. हालांकि टिकट कंफर्म नहीं होने की स्थिति में टिकट खुद-ब-खुद कैंसिल होकर पैसे आपके खाते में आ जाता है.
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कुछ छोटे स्टेशनों के लिए कोटा जारी किया जाता है. यह वेटिंग लिस्ट एक किसी बड़े क्षेत्र के कई छोटे-छोटे स्टेशनों के लिए होती है. हालांकि इस वेटिंग लिस्ट को क्लियर होने के लिए अपने कोटे से किसी कैंसिलेशन की जरूरत होती है. इसमें टिकट उन यात्रियों को ही टिकट दिया जाता है, जो ट्रेन के शुरुआत से कुछ स्टेशन तक ही सफर करते है.
यह टिकट की सबसे अखिरी वेटिंग लिस्ट है. अगर ट्रेन के रूट में कोई PQWL नहीं है तो इस तरह की वेटिंग लिस्ट को बनाया जाता है. इस तरह के टिकटों के कन्फर्म होने की संभावना बहुत ही कम होती है.
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RAC में दो पैसेंजर को एक ही बर्थ पर यात्रा करने की अनुमति दी जाती है. जिन यात्रियों का टिकट कंफर्म होता है और वह यात्रा नहीं करते तो उनकी बर्थ आरएसी के तौर पर दूसरे यात्रियों को अलॉट कर दी जाती है.
अगर आपके रिजर्वेशन टिकट पर CNF लिखा है और बर्थ का अलॉटमेंट नहीं हुआ है. तो इसका मतलब है कि आपकी सीट कंफर्म है. चार्ट तैयार होने के बाद सीट नंबर अलॉट किया जाएगा.
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जब आप अपना टिकट कैंसिल कराते हैं तो उसके बाद जो प्रिंटआउट आता है उस पर CAN लिखा होता है. इसका मतलब है पैसेंजर का टिकट कैंसिल कर दिया गया है.
12 साल से कम उम्र के बच्चों से चाइल्ड फेयर लिया जाता है. लेकिन उन्हें सीट अलॉट नहीं की जाती. ऐसे में पीएनआर स्टेट्स NOSB शो करता है.
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