H3N2 Virus: दरअसल, कर्नाटक के बेंगलुरु में जिस शख्स की मौत हुई, उसकी उम्र 82 वर्ष थी. डॉक्टरों का मानना है कि ऐसे लोग जिनकी उम्र ज्यादा है, कोई पुरानी बीमारी है, जैसे दिल के मरीज, किडनी की बीमारी, बेकाबू डायबिटीज या किसी और प्रकार के ऐसी बीमारी, जिससे उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया हो, ऐसे लोगों को H3N2 से सावधान रहने की जरूरत है.
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H3N2 Deaths: भारत में वायरल फीवर (H3N2) के मामले तेजी से बढ़ रहे है. इस वायरस के कारण कर्नाटक और हरियाणा में 1-1 मौत भी हुई है. अब तक देश में 90 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. वहीं देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की तादाद 3 हजार से अधिक हो गई है. H3N2 वायरस के कारण मौतों के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या वायरल बुखार भी जानलेवा साबित हो सकता है.
दरअसल, कर्नाटक के बेंगलुरु में जिस शख्स की मौत हुई, उसकी उम्र 82 वर्ष थी. डॉक्टरों का मानना है कि ऐसे लोग जिनकी उम्र ज्यादा है, कोई पुरानी बीमारी है, जैसे दिल के मरीज, किडनी की बीमारी, बेकाबू डायबिटीज या किसी और प्रकार के ऐसी बीमारी, जिससे उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया हो, ऐसे लोगों को H3N2 से सावधान रहने की जरूरत है.
मृतक में थे ये लक्षण
बता दें कि कर्नाटक में जिस शख्स की मौत हुई, उसमें ठंड लगना, खांसी और गले में खराश जैसे लक्षण थे. मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमें अलूर और आसपास के क्षेत्रों में मेडिकल टेस्ट कर रही हैं. लक्षणों वाले लोगों से स्वाब के नमूने लिए जा रहे हैं और टेस्ट के लिए भेजे जा रहे हैं. विभाग ने कई बीमारियों से ग्रस्त लोगों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की निगरानी के निर्देश दिए हैं. लोगों में जागरुकता पैदा की जा रही है कि लक्षण दिखने पर खुद से दवा न लें.
सूत्रों ने कहा कि पूरे राज्य में एच3एन2 के 50 से अधिक मामले सामने आए हैं और अकेले हसन जिले में छह मामलों की पुष्टि हुई है. राज्य सरकार ने एक हाई लेवल मीटिंग की है और इस संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने कहा कि 15 साल से कम उम्र के बच्चों को एच3एन2 वेरिएंट से ज्यादा खतरा होता है. यह 60 साल से ऊपर के लोगों को भी संक्रमित करता है. सुधाकर ने सलाह दी कि गर्भवती महिलाओं को भी सावधान रहना चाहिए.
क्या वैक्सीन देगी सुरक्षा
कोरोना की वैक्सीन कुछ हद तक H1N1 से तो सुरक्षा देती है लेकिन H3N2 के लिए फ्लू वैक्सीन लगाने की सलाह दी जा रही है.
20 दिनों में घट सकते हैं मामले
हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि 15 से 20 दिन में इस वायरस का प्रकोप कम हो सकता है, जब मौसम में हो रहा अचानक बदलाव थम जाएगा.
बचाव के क्या हैं तरीके?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मास्क और सैनिटाइजर के इस्तेमाल से काफी हद तक H3N2 से बचाव हो सकता है. इस बीमारी का टेस्ट भी वैसे ही किया जाता है जैसे कोरोनावायरस टेस्ट होता है. नाक से और गले से सैंपल लिया जाता है.
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